उत्तराखंड राजनीति हरिद्वार

रामलीला मंच की आड़ में अवैध कब्जा, चल रहीं व्यवसायिक गतिविधियां

शिकायतों व हाई कोर्ट के आदेश भी हुए धता
50 करोड़ से भी ज्यादा कीमत की है निगम की जमीन

हरिद्वार।
भीमगोडा क्षेत्र में नगर निगम की भूमि पर रामलीला आयोजित करने के लिए भवन का निर्माण किया गया था। जिस पर वर्तमान में रामलीला कमेटी के एक पदाधिकारी द्वारा कब्जा कर व्यावसायिक रूप से उपयोग में लाया जा रहा है। जिसके चलते पदाधिकारी द्वारा रामलीला मंच के अलावा आसपास के पूरे क्षेत्र में कब्जा कर बैरिकेडिंग कर दी गई है। जिससे आने—जाने वाले लोगों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड$ रहा है। स्थानीय निवासी तरुण चोपड़ा ने बताया कि वर्ष 2022 में जब रामलीला कमेटी के पदाधिकारी द्वारा इस क्षेत्र में कब्जा कर उस पर बाउंड्री बनाई गई तब उनके द्वारा नगर निगम को पत्र देकर अवैध बाउंड्री वाल हटाने की मांग की गई थी। बावजूद इसके नगर निगम द्वारा कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। वहां से आदेश होने के बाद नगर निगम द्वारा अतिक्रमण कार्यों पर मुकदमा दर्ज कर पूरे अवैध निर्माण को सील कर दिया गया था। बावजूद इसके 6 महीने बाद ही अतिक्रमण कार्यों द्वारा बिना किसी परमिशन के ताला तोड़कर दोबारा से नगर निगम की संपत्ति पर काबिज हो गए और पुन व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी गई। उन्होंने बताया कि अवैध रूप से बनाई गई बाउंड्री वाल के चलते रामलीला के दौरान ही वहां भगदड मच गई थी। जिसके चलते कई लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। बावजूद इसके नगर निगम ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया और अवैध कब्जा धारी आज भी रामलीला मंच को व्यावसायिक रूप से उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में बीते वर्ष जुलाई माह में सिटी मजिस्ट्रेट को भी ज्ञापन देकर अतिक्रमण हटाने और नगर निगम की संपत्ति को नगर निगम के अधीन करने की मांग की गई थी। जिसमें सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा नगर कोतवाल को आदेश जारी किए गए थे। बावजूद इसके आज तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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