बच्चों के नामांकरण से पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर उनका नाम रखना चाहिए: राजेंद्र प्रसाद
बहादराबाद/ राजीव शास्त्री।
दशहरा ग्राउंड में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा के चौथे दिन भागवत कथा वाचक पंडित राजेन्द्र प्रशाद ने ऐसा समां बांधा कि भागवत प्रेमी अपने आप को रोक नहीं सके। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की.. धुन पर भक्त जम कर झूमे। भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक राजेन्द्र प्रशाद ने हीरण्य कश्यपु व भक्त प्रहलाद के प्रसंग पर विस्तार से कथा सुनाई, साथ ही बामन अवतार, ध्रुव चरित्र, अजामिल के प्रसंग सुना कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान कथावाचक राजेन्द्र प्रशाद ने कहा कि पाप आंखों के रास्ते मन में पहुंचता है और मन के बाद मनुष्य कि बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा अच्छी चीजें व अच्छे साहित्य धार्मिक ग्रंथ पढ़ना चाहिए, ताकि हमारा मन व बुद्धि स्वच्छ रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों के नामांकरण से पूर्व अच्छी तरह सोच-विचार कर उनका नाम रखना चाहिए, क्योंकि हमारे जीवन में नाम का बहुत प्रभाव पड़ता है। जथा नाम तथा गुणा की कहावत हमेशा चरित्रार्थ होती है।