चेतावनी 293 मीटर, खतरा 294 मीटर, गंगा पहुंची 295.8 मीटर
सैंकड़ो झुग्गी झोपडिय़ां साफ, बजरीवाला में हालात खराब
बैरागी कैम्प में भी बस्ती के बीच पहुंचा बाढ़ का पानी
श्यामपुर सहित कई जगह कटाव, खादर क्षेत्र में तबाही
हरिद्वार।
उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है। वहीं हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान से पौने दो मीटर से भी अधिक ऊपर बहने लगी है। सोमवार सुबह 9:30 बजे गंगा का जलस्तर भीमगोड़ा बैराज पर खतरे का निशान 294 मीटर को लांघकर 294.8 तक पहुंच गया। जो कुछ ही देर बाद 285 मीटर तक पहंच गया।
जाहिर है कि गंगा के तटीय इलाकों व गंगा किनारे झोपड़ी डालकर रहने वालों में हडक़म्प मच गया। लोगों ने जैसे तैसे जितना सामान जुटा सके उतना सामान सुरक्षित स्थानों पर लेकर निकल गए। हालांकि समझा जा रहा था कि इसके बाद जलस्तर कम हो जाएगा लेकिन गंगा का रौद्र रूप सामने आया जब गंगा खतरे के निशान से ऊपर उठकर 295.6 मीटर तक पहुंच गई। जिलाधिकारी ने गंभीर खतरे को देखते हुए सभी अधिकारियों को पल—पल पर नजर रख आवश्यक निर्देश दे दिए थे। सभी बाढ़ निगरानी चौकियों को भी सतर्क कर बाढ़ प्रभावितों के लिए तात्कालिक आवश्यक्ताएं उपलब्ध कराने व सुरक्षित कैम्पों में भेजने को भी कह दिया था।
गंगा घाटों व गंगा किनारे रहने वालों व तटीं इलाकों मे लोगों को भी ध्वनिप्रसारण के माध्यम से सचेत कर दिया गया था। हरिद्वार में भी अतिवृष्टि का संकेत देते हुए स्कूल कालेज बन्द रखे गए। हालांतक हरिद्वार में सुबह दस बजे तक हल्की फुल्की बरसात हुई लेकिन नीलधारा में गंगा का रौद्र रूप शांत नहीं हो रहा था। और भीमगोड़ा बैराज पर गंगा का जल स्तर 2 बजे 295.07 मीटर तक पहुंच गया। खतरे के निशान के ऊपर बह रही गंगा के जलस्तर को देखते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने भी अपनी सभी बाढ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। सावधानी बरते हुए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने गंग नहर को भी बंद करने के साथ ही हरिद्वार जिला प्रशासन के साथ लगातार कोआर्डिनेशन बनाते हुए गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। इस दौरान गंगा की बाढ़ से जहां नीलधारा के किनारे झुग्गी झोपडिय़ां जलमग्न हो गई या बह गई।
वहीं बंजारे वाला के हालात है कि न वहां कोई जा सकता है आ सकता है। गंगा की बाढ़ का पानी बैरागी कैम्प की कालोनियों भी पहुंच गया है। सैकड़ो घरों के लोग घरों में पानी भर जाने के कारण परेशान हो गए है तो अन्य लोगों को चिन्ता सताने लगी है। खादर क्षेत्र लक्सर खानपुर आदि के लोग अभी विगत दिनों आई बाढ़ की पीड़ा के दर्द को झेल ही रहे थे कि दोबारा इस क्षेत्र के दर्जनों गांव में बाढ$ का गंभीर खतरा मंडरा गया है, क्योंकि गंगा के बढ़ा जल स्तर के साथ रतमऊ व सोलानी का जल स्तर भी कम नहीं हो रहा है।