हरिद्वार।
जिला अधिकारी को ज्ञापन प्रेषित कर सिल्ट इजेक्टर (संजय गांधी नहर) मे भरे मलबे की सफाई और टूटे तटबंधों की मरम्मत कराने की मांग की है।
मंगलवार को कनखल पंजाब सिंध क्षेत्र व विद्या विहार कॉलोनी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चिन्हित राज्य आंदोलनकारी भीमसेन रावत ओर गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार व अंतरराष्ट्रीय पक्षी वैज्ञानिक दिनेश भट्ट व जल विद्युत निगम उत्तराखंड से सेवानिवृत्त लेखाकार मुकेश सक्सेना ने कलेक्ट्रेट में एक ज्ञापन जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में सिटी मजिस्ट्रेट नूपुर वर्मा को देकर, बताया कि कनखल क्षेत्र में बहने वाली सिल्ट इजेक्टर(संजय गांधी नहर) मे भारी तादाद में मलवा भरा पड़ा है और जगह-जगह से उसके तटबंध टूट चुके हैं, उक्त नहर की साफ सफाई कई सालों से नहीं हो पाई है जिस कारण उसमें जमा मलबे और तटबंधों मैं झाड़ झंकार उग आए हैं, और उक्त नहर में मानसून के सक्रिय होते ही सिंचाई विभाग द्वारा जून माह में डैम (फाटक) खोलकर गंग नहर में बहने वाले पानी का प्रवाह छोड़ दिया जाता है, नहर में भरा मलबा और टूटे तटबंधों के कारण बहने वाले पानी की निकासी अवरुद्ध होती है। जिसकी वजह से उक्त नहर का पानी तटबंधों से बाहर आकर स्थानीय कॉलोनी पंजाब सिंध क्षेत्र और विद्या विहार भेरों मंदिर आदि में भर जाता है, जिससे भविष्य में भारी जानमाल की हानि हो सकती है, वर्ष 2022 के मानसून में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो चुकी है, और उक्त सिल्ट ईजेक्टर (संजय गांधी नहर) में उत्तर प्रदेश सरकार का आधिपत्य होने के कारण कई सालों से रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए उक्त नहर की दुर्दशा हो चुकी है, जिसके दुष्प्रभाव का सामना इसके पास स्थानीय लोगों को करना पड़ता है,
ज्ञापन में जिलाधिकारी से अनुरोध कर मांग की गई है कि उक्त नहर की शीघ्र ही साफ सफाई व तटबंधों का पुनर्निर्माण सिंचाई विभाग या आपदा प्रबंधन से किया जाए।