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हरिद्वार।
हरिद्वार से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक लोकसभा के चुनाव का समय नजदीक आते ही बिना कुछ करे धरे ही श्रेय लेने में आगे खड़े होकर लगे हुए हैं। जबकि पिछले साढ़े आठ साल में उनके पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं हैं, केवल केंद्रीय नीतियों का बखान करते हुए अपने को श्रेष्ठ बताने में लगे हुए रहते हैं। क्षेत्र के लोगों के काम न होने से उनके काफिलें के लोग दूर हो गए हैं। लेकिन श्रेय लेने के मामलों में वे अगली पंक्ति में खड़े नजर आते हैं।
सांसद निशंक के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। क्षेत्र में उनकी निधि से बनवाई गई सड़कों के बोर्ड तक नहीं मिलते। कभी अस्पतालों में सुविधाओं के लिए प्रयास तक नहीं किए। मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होकर महंगे इलाज कराने को मजबूर है।
हरिद्वार जनपद में कार्यालय तक नहीं खोला, एक कार्यालय पर बोर्ड लगा दिया, लेकिन उसमें बैठकर जन समस्या नहीं सुनी।
अब लोकसभा चुनाव का समय कम रह गया है तो क्षेत्र में घूमने का काम करना शुरू कर दिया है। पंचायत का चुनाव करीब दो साल हुआ, इन अवधि में कभी भी यह प्रयास तक नहीं किया कि ग्राम की सरकार निर्वाचित होकर अपने गांव, क्षेत्रों का विकास कार्य कराएं।
उन्होंने जमालापुर कलां और गोवर्धनपुर गांव को गोद लिया, लेकिन एक भी विकास कार्य हुए तो बताने के लिए कुछ नहीं। केवल एक रट्टामार भाषण और केंद्रीय नेताओं का गुणगान करना उनकी उपलब्धि में शामिल है।
कोरोना कार्यकाल दो साल रहा, लेकिन जिस जनता ने उन्हें चुनकर देश के सर्वोच्च सदन में इस उम्मीद से भेजा की वे क्षेत्र का विकास कार्य कराएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूरे लोकसभा क्षेत्र में उन्होंने किसी असहाय की मदद तक नहीं की। यहां तक की जनपद में लोग इलाज के लिए तड़फते रहे, लेकिन सांसद के द्वारा किसी की मदद तो करना दूर की बात, मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए सहयोग तक नहीं किया।
सांसद के खिलाफ लोगों में इतना आक्रोश था कि विधानसभा चुनाव में हरिद्वार जनपद की 5 सीटें हार गए।
अब पंचायत चुनाव हुए भाजपा को मात्र 14 सीटें ही मिल सकी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली से प्रभावित होकर दूसरी पार्टियों के साथ निर्दलीय सदस्य भाजपा में शामिल हुए और भाजपा का चेयरमैन निर्विरोध जीतवा दिया तो अब श्रेय लेने के लिए सबसे आगे खड़े हैं।