हरिद्वार।
नाम बडे और दर्शन छोटे का प्रमाण हरिद्वार-रुडक़ी विकास प्राधिकरण लग रहा है। कहने को तो पिछले कई महीनों से यह प्राधिकरण अवैध कालोनियों पर लगाम कसने का दिखावा करने में लगा है, जबकि सच्चाई है कि जिन अवैध कलोनियों के कटने से पहले ही विटामिन एम का बूस्टर डोज प्राधिकरण में चला जाता है उन कालोनियों पर कार्रवाई नहीं की जाती। एसी अवैध कई दर्जन कलोनियां इस समय धर्मनगरी हरिद्वार के आसपास डवलप हो रही हैं, जो ना प्राधिकरण और ना ही रेरा के नियमों का पालन करती हैं। कुछ कालोनी तो गंगा नदी के 200 मीटर की रेंज के अंदर बन गई हैं। और सिडकुल क्षेत्र में कुछ कालोनी एसी भी है जो ना तो प्राधिकरण के नियमों के अनुरूप है और वह हाईटेंशन लाईन के नीचे काटी जा रही है। शिकायत होने के बावजूद भी प्राधिकरण के अधिकारी इन कालोनियों के इर्द-गिर्द फटकते भी नहीं है। जब कालोनी सीज करने वाले अधिकारी सहायक अभियंता पंकज पाठक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि एसी कालोनियो को नोटिस दिया गया है। उल्लेखनीय है कि नोटिस दिए जाने के 3 महीने बीतने के बावजूद भी इन कालोनियों पर सीज करने की कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा नहीं की गई। जगजीतपुर, श्यामपुर, कांगड़ी आदि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गंगा नदी के 200 मीटर के दायरे में भी कालोनाइजर द्वारा प्राधिकरण के नियमों के विरुद्ध कालोनियां बनाई जा रही है। अस्पताल बनाये जा रहे है। उस आेर से प्राधिकरण द्वारा आंखे बंद कर ली गयी है। इसी तरह दर्जनों कालोनियां बहादराबाद क्षेत्र व जुर्स कन्ट्री के पीछे, सराय क्षेत्र में विकसित हो चुकी है। जिनमें कई कालोनियां तो एेसी हैं जिनके लिए जमीन तो खेती में बेच दी गई लेकिन बाद में उसी जमीन को व्यवायिक दरों पर प्लाटिंग कर बेचा गया। खास बात यह कि इन अवैध कालोनियां में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं जो सम्भवत प्राधिकरण द्वारा विकसित कालोनियों में भी नहीं हैं। खास बात यह भी कि इन कालोनियों के विकसित होने के लिए उपलब्ध कराए जाने वाली जमीनों की खरीद फरोख्त में राजस्व से जुड़े कर्मचारियों के नाम भी सामने आ रहे है।