पुष्पराज धीमान
पथरी।
जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत की जारी आरक्षण सूची ने कई दावेदारों को चुनाव लड$े ही बाहर कर दिया है। भले ही जनता में उन्होंने अच्छी पैठ बना रखी हो लेकिन आरक्षण सूची ने उन्हें बिना चुनाव लड$े ही हरा दिया है। हालांकि अभी आपत्ति करने और निस्तारण का छोटा सा मौका बाकी है। इस संबंध में दावेदार खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। क्षेत्र के जिला पंचायत जट बहादरपुर सीट पर भाजपा नेता धर्मेंद्र सिंह चौहान अपनी तैयारी किए हुए थे तो दूसरी तरफ भाजपा के उत्तरी मंडल अध्यक्ष विकास कुमार भी अनुसूचित जाति सीट आरक्षित होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। लेकिन यह सीट पिछड$ी जाति के लिए आरक्षित की गई है। इधर नसीरपुर कला सीट खत्म करके फिर से धनपुरा सीट बनाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई। बताया जाता है कि यह जिला पंचायत क्षेत्र काफी बड$ा बनाया गया है जो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। लेकिन अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करके इस सीट पर जिला पंचायत की तैयारी कर रहे यूनुस अंसारी, साजिद अंसारी, नसीम अंसारी, तबरेज आलम सहित कई नेता यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने से चुनाव से बाहर हो गए। हालांकि इन नेताआें के पास क्षेत्र पंचायत सदस्य का आप्शन बाकी है तो वही दूसरी तरफ बाणगंगा जिला पंचायत सीट को पिछड$ी जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया है। जहां से जहां एक तरफ रानी माजरा निवासी भाजपा नेता आदेश चौहान के अरमानों पर पानी फिर गया तो वही सरदार करण सिंह, शेषराज सैनी, सरदार संजय सिंह के लिए आप्शन खुल गए हैं। इसके अलावा साधुराम चौहान जो पहले सामान्य महिला सीट पर अपनी पुत्र वधू सोनी चौहान, को लड$ाकर भाजपा समर्थित प्रत्याशी को हराकर अपनी जीत निश्चित की थी। लेकिन इस बार खाकी चौहान जिन्हें पिछड$ी जाति में शामिल किया गया है, वह इस बार भी आरक्षण बदलने के बावजूद भी चुनाव लड$ सकेंगे।