हरिद्वार।
कांवड मेला अंतिम चरण में प्रवेश कर गया है। दो अगस्त दोपहर को जलाभिषेक का मुर्हत होने के चलते अधिकांश पैदल कांवड$ यात्री इससे एक दिन पूर्व ही अपने गंतव्यों की और रवाना हो जाएंगे। इसके बाद सड$कों पर केवल डाक कांवड$ ही नजर आएगी। निर्धारित समय पर अभिष्ट शिवालय तक पहुंचने के बैनर लगे बड$े डाक कांवड$ वाहनों के साथ दोपहिया वाहनों पर सवार डाक कांवडि$एं अंतिम दौर में वापसी करेंगे। बड$े डाक कांवड$ वाहनों के साथ बाइक सवार डाक कांवडि$एं जल लेने के लिए लगातार पहुंच रहे हैं। हरकी पैड$ी से लेकर तमाम घाटों पर गंगा स्नान करते और कांवड$ों में जल भरते कांवडि$एं ही नजर आ रहे हैं। हरकी पैड$ी और आसपास के बाजारों में कांवडि$यों की भारी भीड$ है। सभी पार्किंग डाक कांवड$ वाहनों से फुल हो चुकी हैं। पुलिस और प्रशासन कांवड$ मेले के अंतिम दौर को सफलतापूर्वक संपन्न कराने की कवायद में जुटा हुआ है। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल सहित तमाम पुलिस अधिकारी सहयोगियों के साथ कांवडि$यों की सुरक्षित वापसी कराने में जुटे हैं। अधिकारी सीसीआर टावर से पूरे मेले पर नजर रखने के साथ पुलिसकर्मियों के साथ सड$कों पर भी मशक्कत कर रहे हैं। विभिन्न सामाजिक संस्थाआें और संत समाज की और कांवड$ सेवा शिविर लगाए गए हैं। जिनमें कांवडि$यों का भोजन प्रसाद व जलपान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रशासन की और से भी पूरे कांवड$ मार्ग पर चिकित्सा शिविर आदि का आयोजन किया गया है। भारी गर्मी को देखते हुए कांवडि$यों की सुविधा के लिए कांवड$ पटरी मार्ग पर फव्वारे भी लगाए गए हैं। लौट रहे कांवडि$यों को फव्वारों से चिलचिलाती गर्मी से राहत का अनुभव हो रहा है। कांवडि$यां पुष्पेंद्र कुमार व कुलदीप ने बताया कि फव्वारों की व्यवस्था होने से कुछ देर के लिए गर्मी से राहत जरूर मिल रही है।
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कांवडियो की भीड से परेशान नही होते स्थानीय
कनखल क्षेत्र में बैरागी कैम्प से लेकर सिंहद्वार, गुरूकुल कांगडी विवि से आगे तक डाक कांवड के ट्रको का रेला लगातार चलता रहा। जिसके चलते लक्सर रोड, कृष्णानगर में सडक के एक तरफ केवल कांवडियों के वाहन चल रहे है। वही कनखल के लिंक मार्गो पर और उनसे जुडे कालोनी, मौहल्लो गलियों के बाहर और अंदर भी कांवडियों वाहने तीन चार दिनो से अपना डेरा डाले हुए है। उनके द्वारा समय समय पर डीजे चलाकर डांस स्थानीय लोगो के लिए मनोरंजन का साधन बने है। जिससे किसी को कोई परेशानी नही होती है।
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कई लोग सावन में करते है कांवडियों के आने का इंतजार
सावन महीना जहां धर्म नगरी के लोगो के लिए आर्थिक व्यवस्था को सुद्रढ करता है व्यापारियो के लिए सीजन बनकर आता है वहीं शहर के हजारो लोग सावन में क ावडियो के आने का इंतजार भगवान महादेव के आशीर्वाद के लिए भी करते है। वह लोग अपनी सामर्थ अनुसार कांवडियों को पीने का पानी, प्रसाद स्वरूप हलवा, खीर, रसगुल्ले, मिठाई,और भण्डारे लगारक भोजन और विश्रााम के लिए स्थान की व्यवस्था पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराते है। सडक किनारे शिविर लगाकर कांवडियों के पैर दबाने मालिश की व्यवस्था भी की गई है। संस्थाआे द्वारा कावडियो के स्वास्थ्य जांच शिविर लगाई गए है जहां उन्हें स्वास्थ्य परिक्षण और छोटी समस्याआे के लिए दवाई भी दी जाती है। हरिद्वार के आस पास वर्षो से बडे बडे शिविर लगाकर हर वर्ष लाखो कावडियो को भोजन कराया जाता है। कई अखाडो और आश्रमो द्वारा भी यह व्यवस्था की जाती है। कावडियो की सेवा को भगवान महादेव की सेवा के रूप में माना जाता है।