हरिद्वार।
सिखों के तीसरे गुरु अमर दास जी का 545 वां प्रकाश पर्व आज कनखल सतीघाट स्थित तीजी पात शाही तप स्थान पर गुरुग्रंथ साहिब में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का समापन गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ के भोग के साथ हुआ। गुरुद्वारे के महंत रंजय ङ्क्षसह महाराज ने कहा कि गुरु अमर दास जी ने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त कर सामाजिक समरसता का परिचय दिया। इस अवसर पर गुरुद्वारे की संचालिका ङ्क्षवनिन्दर कौर सोढ$ी ने कहा कि गुरु अमर दास जी के विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि सतीघाट कनखल में सिखों के तीसरे गुरु अमर दास जी 22 बार आए थे और उन्होंने सामाजिक कुरीति सती प्रथा बंद कराई थी और गंगा के तट पर साधना की थी। इस अवसर पर कथा विचार गुरुचन ङ्क्षसह ने गुरु महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला। रागी हरजोत ङ्क्षसह (केशगढ साहिब वाले पंजाब) शबद कीर्तन कर लोगों का हृदय जीत लिया। ी संगत ने कीर्तन का आयोजन किया। कार्यक्रम के पश्चात गुरु का अटूट लंगर आयोजित किया गया। इस अवसर पर निर्मल संतपुरा के अध्यक्ष संत जगजीत ङ्क्षसह महाराज, ग्रंथी देवेंद्र ङ्क्षसह ने अरदास की। अतुल शर्मा काकू, सरदार मनजीत आेबराय,गजेंद्र आेबेराय, राजेंद्र ङ्क्षसह, अवतार ङ्क्षसह, गुरप्रीत ङ्क्षसह, सुरेन्द्र जीत ङ्क्षसह, इंद्रजीत ङ्क्षसह बिट्टू, अरुण खन्ना ङ्क्षपकी, संजीव चड्ढा आदि उपस्थित रहे।