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शहर में कूड़ा ना उठते देख तीर को तुक्के में बदल दिया गया

हरिद्वार नगर निगम में कार्यरत दोनों कंपनियां इस कारण गयी थी हड़ताल पर
आरोप लगाया कि नगर निगम अनुबंध से हटकर कार्य किसी तीसरे पक्ष से करा रहा है।
जानकारी के अनुसार एक शडयंत्र के तहत निगम में कार्यरत कंपनियों के अनुबंध को दरकिनार करते हुए किसी तीसरी बाहरी कंपनी को प्लास्टिक उठान का ठेका दे दिया गया। जिससे अनुबंध के अनुसार कार्य कर रही कंपनियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। जिसके चलते तीन दिन शहर में कूड़ा नही उठाया गया।
तीर या तुक्का के सूत्र के आधार पर किया गया था तीसरी कंपनी से अनुबंध
निगम द्वारा जारी किया गया तीसरी कंपनी का अनुबंध बिना पत्रांक संख्या के उस अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया जो अवकाश पर थी।

अखिल भारतीय सफाई मजदूर कोंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा 29 दिसंबर 2022 को नगर आयुक्त को पत्र देकर सफाई कर्मचारी और सुपरवाइजर की समस्याओं से अवगत कराया गया था लेकिन इस पर भी नगर आयुक्त द्वारा कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। दोनों कंपनियों का कहना है कि नगर आयुक्त अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए अनुबंध के विपरीत कार्य कर रहे हैं। जिसमें की गीला और सूखा कूड़ा अलग करने के बाद सूखे कूड़े को कंपनी द्वारा इस्तेमाल करना था। यह अनुबंध में है किंतु दोनों कंपनियों से अनुबंध होने के बाद भी अपर नगर आयुक्त ने एक अनुबंध 3 जनवरी 2023 को प्लास्टिक वेस्ट के उठान का काम सेकेंडरी डंपिंग यार्ड से जिसमें पिपलान ज्वालापुर, कड़च ज्वालापुर, भगत सिंह चौक व पंतदीप सेकेंडरी डंपिंग याड को खोला गया था। कुछ पार्षदों के समय बीतने के बाद विरोध करने पर इसी तरह का एक अनुबंध दिनांक 19 जनवरी 2023 को किया गया जिसमें हरिद्वार शहर के सभी डंपिंग पॉइंट को खोल दिया गया। अपशिष्ट उठाओ का काम दे दिया। ऐसे में पार्षदों में आक्रोश है। पार्षदों का कहना है कि स्वयंभू इनोवेटिव सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड सिडकुल स्थित कंपनी को कार्य देने से पहले इस बात से दूसरी और दोनों कंपनियों में भी की अनुबंध के अनुसार यह सभी कार्य कंपनियों को करने थे जो कि नगर निगम ने बाहरी कंपनि को दे दिए। जिसके चलते हरिद्वार नगर निगम में कार्यरत दोनों कंपनियां अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चली गयी थी। शहर में कूडा न उठते देख तीर को तुक्के में बदल दिया गया ओर जान बचाई, पर अब सवाल खड़ा होता कि आखिर किसके इशारे पर ये ठेका पूर्व में किये गए अनुबंध को दरकिनार करते हुए किसी तीसरे को दिया जा रहा था, निगम अधिकारी स्वानुभूत इनोवेटिव सॉल्यशन प्राइवेट लिमिटेड पर मेहरबान हुए.? जांच का विषय है। 

वहीं अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेश के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर का कहना है कि उक्त मामले में कुछ स्थानीय बड़े नेताओं का हाथ है जिसका खुलासा अब है जल्द करेंगे और इस पूरे मामले की जांच कर दूध का दूध पानी का पानी करने की मांग जिला प्रशासन से और सरकार से की जाएगी उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में हर तरफ घोटाले और दलाली चल रही है। 

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