हरिद्वार।
लालढांग के ग्रामीण अभी लालढांग कांडा बारात बस हादसे से उबर भी नही पाए थे कि शनिवार को फिर एक बार क्षेत्र मेें एक बुरी खबर आ गयी। दरअसल उत्तरकाशी जिले के द्रोपदी डांडा की चोटी पर हुए हिमस्खलन(एवलांच) में लालढांग के चमरिया निवासी सन्तोष कुकरेती का शव मिलने की जानकारी मिलने से इलाके में एक बार फिर मातम छा गया। अशोक आेर दीपा के इकत्तीस वर्षीय संतोष पर्वतारोहियों के 29 सदस्यीय ग्रुप में शामिल था। संतोष के माता—पिता पौड$ी गढवाल के जौरासी गांव में रहते हैं, जबकि संतोष शुरू से ही अपने दादा विजय राम कुकरेती, दादी झबरी देवी और चाचा गणेश कुकरेती के साथ चमरिया में रहता था। संतोष 17 सितम्बर को रवाना हुआ था और 18 अक्टूबर को वापस लौटना था, किंतु होनी को कुछ और ही मंजूर था। संतोष 2012 में नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउन्टेनरिंग (निम) में शामिल हुआ था। जब से उत्तरकाशी हादसे की खबर परिजनों को मिली तब से परिवार वाले बहुत चिंता में थे। संतोष के माता—पिता भी अपने गांव जौरासी से चमरिया आ गए। बता दें कि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 4२ सदस्यीय में प्रशिक्षु व प्रशिक्षक थे। उनका दल 4 अक्टूबर को समिट केम्प से डिकेडी के आरोहण के लिए गया था, स्थल के पास पहुंचते ही ये सभी हिमस्खलन की चपेट में आ गये। बताया गया कि देर रात तक सन्तोष कुकरेती का शव लालढांग पहुंच जाएगा।