हरिद्वार।
हरिद्वार की आरती ने 25 से 28 फरवरी तक अमृतसर और 5 से 6 मार्च तक पटियाला में आयोजित किए गए खेलो इंडिया लीग गेम्स में साइकलिंग में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण, तीन रजत व छह कांस्य सहित 11 पदक जीतकर उत्तराखंड और हरिद्वार का नाम रोशन किया है। साइकलिंग की प्रतिभावान खिलाडी भेलकर्मी सुरेश पाल की पुत्री आरती इसके पूर्व वर्ष 2018 में रूद्रपुर में आयोजित राज्य आेलंपिक खेलों में 2 स्वर्ण तथा 2020 में हल्द्वानी में आयोजित की गयी सोलहवीं माउंटेन साइकलिंग नेशनल चैंपियनशिप में ब्राउंज मेडल भी जीत चुकी हैं। एशियन गेम्स के ट्रायल के लिए चयनित होने वाली आरती उतराखंड की पहली साइक्लिस्ट हैं। आरती की प्रतिभा को देखते हुए उनका चयन खेलों इंडिया योजना के तहत नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स स्टेडियम में प्रशिक्षण के लिए किया गया था। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनके खेल में और निखार आया है। भेल सेक्टर तीन निवासी आरती ने बताया कि साइकलिंग में महारथ हासिल करने के लिए समर्पण और द्रढता के साथ कडी मेहनत की आवश्यकता होती है। वे प्रतिदिन सौ से डेढ सौ किलोमीटर साइकलिंग की प्रैक्टिस करती है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में जीत अच्छी साइकिल पर भी निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओ की कोई कमी नहीं है। खिलाडियों को बढावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विशेष सुविधाएं और अच्छे कोच उपलब्ध कराने चाहिए। आरती ने बताया कि वे गुरूनानक देव यूनिवर्सिटी से बीपीईएस की डिग्री करने के साथ अपने खेल पर भी ध्यान दे रही हैं। भेल में टेक नीशियन के पद पर कार्यरत आरती के पिता सुरेश पाल ने बताया कि वे अपनी ओर से आरती को पूरा सहयोग करते हैं। रेस साइकिल बहुत महंगी है। सरकार को खिलाडियों को प्रोत्साहित करने के लिए अच्छी साइकिल उपलब्ध करानी चाहिए। जिससे खिलाडी देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन कर सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेलों को बढावा दे रहे हैं। राज्य सरकार को भी खेल और खिलाडि$यों को बढावा देने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।