हरिद्वार।
दशहरे के अवसर पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड$ा महानिर्वाणी में संतों ने वैदिक विधि विधान के साथ श पूजन किया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अखाडे के देवता माने जाने वाले श्री सूर्य प्रकाश और श्री भैरव प्रकाश नामक भालों के साथ अखाडे अन्य शस्त्रो को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पंचामृत स्नान कराया गया और विधि पूर्वक शस्त्र की पूजा की गयी। इस अवसर पर अखाडा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाडा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने बताया कि आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा धर्म की रक्षा के लिए अखाडो की स्थापना की गयी और अखाडो से जुडे नागा सन्यासियों को शा के साथ श का ज्ञान दिया। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए शास्त्रो के ज्ञान के साथ शस्त्र धारण करना भी आवश्यक है। साथ मां भगवती ने भी दैत्यों के संहार के लिए विभिन्न शस्त्रो को धारण किया था। महानिर्वाणी अखाडो के नागा सन्यासियों ने सनातनी मठ मंदिरों व धर्म की रक्षा के लिए कई युद्ध भी लडे हैं। इसलिए प्राचीन काल से दशहरे के दिन श पूजन की परंपरा चली आ रही है।