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वन मंत्री के बयान से वन गुर्जर हुए आहत
हरिद्वार।
वन गुर्जर ट्राइबल युवा संगठन द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन प्रेषित करते हुए शीतकालीन सत्र के प्रश्न काल में वन मंत्री द्वारा विधायकों के सवालों के जवाब में वन मंत्री द्वारा दिए गए उत्तर के उत्तराखंड में के वनों में वन गुर्जरों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य में निवासरत वन गुर्जर समुदाय वन क्षेत्र में रहने और अपनी आजीविका का निर्वहन करना अनुसूचित जाति एवं परंपरागत वन निवासी वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 की धारा 31 के अंतर्गत निहित प्रावधान के तहत है यह भी बताया कि संगठन तर्क रखता है कि राजाजी नेशनल पार्क से वन गुर्जर पुनर्वास योजना भी परमिट के आधार पर ही संचालित की गई है जिसमें वन संरक्षण अधिनियम 1927 का भी विवरण दिया गया है उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष अनुरोध करते हुए कहा है कि विधानसभा सत्र के प्रश्नक समुदाय को आहत पहुंचा रहा है जोवन गुर्जर समुदाय के मौलिक और पारंपरिक अधिकारों के विपरीत है इस तरह का विधानसभा सत्र के दौरान दिया गया जवाब समुदाय के अस्तित्व को भी खतरा है दौरान वन मंत्री द्वारा दिया गया जवाब वन गुर्जर समुदाय को आहत कर रहा है जो वन गुर्जर समुदाय के मौलिक और पारंपरिक अधिकारों के विपरीत है समुदाय द्वारा मांग की गई है कि अनुपूरक के मूल प्रश्न के जवाब को कानूनी परीक्षण कराने की अत्यंत आवश्यकता है अगर कानून व विधि द्वारा विधि तथा दिए गए तथ्यों से विपरीत जवाब है तो विधानसभा की कार्रवाई से जवाब को हटाने की कृपा किए ताकि भविष्य में इस जवाब के आधार पर कोई नीति अथवा प्रयोग कर वन गुर्जरों के अधिकारों के साथ व्यापक हनन ना हो।