उधमसिंह नगर।
लालकुआ तराई केंद्रीय वन प्रभाग कि भारी भरकम फोर्स ने आज टांडा रेंज के चीड़खत्ता स्थित आरक्षित वन क्षेत्र में वन गुर्जरों द्वारा किए गए बेतहाशा अतिक्रमण को ध्वस्त कर कई एकड़ भूमि को अपने कब्जे में लिया।इस बीच वन कर्मियों को गुर्जरों के भारी आक्रोश का सामना भी करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से तराई केंद्रीय वन प्रभाग कि टांडा रेंज के अन्तर्गत चीड़खत्ता के आसपास आरक्षित वन क्षेत्र में गुर्जरों द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत मिली थी। जिस पर बुधवार को तराई केंद्रीय वन प्रभाग की एसडीओ शशि देव और तहसीलदार सचिन कुमार के सयुंक्त नेतृत्व में पहुची वन विभाग कि टीम ने जैसे ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की वही मौजूद गुर्जरों ने लालकुआं क्षेत्र के कुछ नेताओं को बुला लिया। जिसके बाद एसडीओ व मौजूद गुर्जरों की तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। लेकिन वन विभाग कि टीम ने गुर्जरों की एक ना सुनते हुए अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई जारी रखी। उक्त कार्रवाई में वन विभाग ने कई एकड़ भूमि को अपने कब्जे में लेकर उसे अतिक्रमण ने मुक्त किया। इस दौरान एसडीओ शशि देव ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली कि वन गुर्जरों द्वारा भारी मात्रा में चीड़खत्ता के आसपास के आरक्षित वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जिसके बाद उन्होंने टीम गठित कि वही टीम द्वारा पता चला कि भारी मात्रा में गुर्जरों द्वारा आरक्षित वन भूमि कब्जा कर ली गई साथ ही टीम ने आशंका व्यक्त कि गुरज्जरों द्वारा हरे वृक्षों का दोहन भी किया गया है। इसी के चलते वन विभाग द्वारा आज अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए कब्जाई गई भूमि खाली कराई।उन्होंने कहा कि वन भूमि पर जो भी अवैध रूप से कब्जे का प्रयास करेगा वन महकमा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य में जो भी बाधा डालने का प्रयास करेगा वन महकमा उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराएगा। इधर तहसीलदार सचिन कुमार ने कहा कि आज तराई केंद्रीय वन प्रभाग की टांडा रेंज के अंतर्गत चीड़खत्ता में वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया अभियान में शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा कानून व्यवस्था ना बिगड़े इसके लिए पुलिस व प्रशासन की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है तथा इस बीच अगर कोई व्यक्ति विभागीय कारवाई में दखल पैदा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर गामा गुर्जर का कहना है कि उक्त जमीन पर उनके पिताजी से लेकर दादाजी निवास करते आ रहे हैं, उनके द्वारा कोई भी अतिक्रमण नहीं किया गया। उन्होंने वन विभाग की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए कहा कि वह वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत रह रहे हैं। उनके द्वारा शासन प्रशासन को अपने पत्र भी भेज रखे तथा उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है उन्होंने कहा कि वन विभाग गलत कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने सरकार से विभागीय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इधर एडवोकेट इशाक गुर्जर ने बताया कि वन विभाग ने बिना नोटिस दिये कार्रवाई की है जो नियम विरुद्ध है। कहा कि गुर्जर पिछले लंबे समय से वन अधिकार अधिनियम 2006 के नियमों के तहत रहते आ रहे हैं। उनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है फिर भी वन विभाग जो ने कार्रवाई की है जो पूरी तरह गलत है।