उत्तराखंड हरिद्वार

मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की अराधना के साथ शुरू होती है नवरात्र पूजा: शा ी

बहादराबाद।
नव वर्ष की शुरुआत भगवती दुर्गा के चैत्र नवरात्र के साथ हई। इस अवसर पर क्षेत्र के सभी माता मन्दिरो को सजाया गया है। जिसमें बहादराबाद स्थित काली माता मंदिर, श्री राम कुटिया का माता मंदिर, लक्ष्मी विहार का माता शाकुम्बरी देवी मंदिर तथा बौगला के काली मंदिर, शिव मंदिर एवं अन्य मंदिरों को भी सजाया गया सुबह से ही क्षेत्र के मन्दिरो में भक्तों की भीड$ देखी गई। सभी मंदिरों में भजन कीर्तन के साथ भक्तों ने माता की विशेष पूजा की और सुख समृद्धि का वरदान मांगा। पंडित राजीव शा ी ने बताया कि श्रीमद देवों भागवत में नवरात्रों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान बताया गया हैं। जो भक्त इन दिनों मां दुर्गा की किसी भी रूप में पूजा करता हैं मां दुर्गा उस पर प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। बताया कि नवरात्रो का शुभारम्भ भगवती मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप मां शैलपुत्री की पूजा के साथ होता है। जिसमे मां के भक्तों ने मां दुर्गा की पूजा के लिए अपने घरों के पूजा स्थानों की साफ सफाई के बाद दुर्गा मां की मूर्ति की स्थापना की और कलश स्थापित किया जाता है। माता के नवरात्र में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान हैं मां के भक्त वर्ष में चार बार,शरदीय,चौत्रीय तथा दो गुप्त नवरात्रों में मां की विशेष पूजा करते हैं। श्री दुर्गा मां के नौ स्वरूपों में पहले दिन भगवती के प्रथम स्वरुप शैलपुत्री की पूजा की जाती हैं। मां शैलपुत्री का वाहन बैल हैं जिनके दाहिने हाथ में त्रिशूल हैं जो भक्तों को अभय देता हैं, और बांए हाथ में कमल का पुष्प हैं जो ज्ञान और शांति के साथ धन धान्य का प्रतीक माना जाता हैं। आज इन्हीं माता शैलपुत्री की पूजा पूरे क्षेत्र एवं पूरे देश में भक्ति और श्रद्धा के साथ की जा रही हैं।

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