हरिद्वार।
धर्म नगरी में जाम के झाम से बचने के लिए आनन-फानन में प्रशासन द्वारा रूट प्लान तैयार किया गया। इस रूट प्लान के अंतर्गत प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा को तो रूट बांट दिए गए परंतु ऑटो वालों पर प्रशासन की एक न चली। जिसके चलते ई रिक्शा चालक सीमित रूट में बंद होकर बेरोजगार हो रहे हैं। उनका कहना है कि शहर में जो भी सवारिया मिलती हैं वह अधिकतर बस स्टैंड रेलवे स्टेशन तक होती हैं। ई रिक्शा के रूट बनाने के बाद अब सवारिया बैटरी रिक्शा में नहीं बैठती क्योंकि ज्वालापुर जटवाड़ा पुल या सिडकुल रोशनाबाद से आने वाली सवारी को दो से तीन रिक्शा हैं बदलने पड़ रही हैं। जिसके चलते एक और जहां ई-रिक्शा चालकों को किराया नहीं मिल पाता। वही सवारी भी रिक्शा बदलने से अच्छा ऑटो मैं बैठकर चली जाती है। जिसके चलते ई रिक्शा चालक बेरोजगार हो रहे हैं। बताया कि रूट प्लान बनने के चलते ई रिक्शा चालकों के सामने बड़ी समस्या आ गई है। प्रशासन के इस रूट प्लान से रिक्शा चालकों में रोष व्याप्त हो रहा है जिसके चलते वह बड़े आंदोलन की ओर जा रहे हैं। वहीं प्रशासन द्वारा रूट छोड़कर जाने वाली ई-रिक्शा पर चालान की कार्रवाई कर खासा राजस्व भी प्राप्त किया जा रहा है।