हरिद्वार।
ग्रामीण विधानसभा में कांग्रेस के किंगमेकर कहे जाने वाले मुकर्रम अंसारी को भाजपा समर्थित प्रत्याशी ने भारी मतों से शिकस्त दी है। मुकर्रम अंसारी हरिद्वार ग्रामीण सीट से कांग्रेस की विधायक अनुपमा रावत के निर्वाचित होने के बाद से बहुत उत्साहित थे। उनका यही उत्साह बहुत से कांग्रसियों को हजम नही हो रहा था। न तो कांग्रेस संगठन और न ही विधायक ने चुनाव प्रचार में उनका कोई सहयोग नहीं किया। जिससे मुकर्रम अंसारी को हार का सामना करना पड़ा। मुकर्रम तकरीबन 3000 से अधिक वोटों से हार गए, उल्लेखनीय है कि 2015 के चुनाव में उनकी माता लतीफन अंसारी रिकॉर्ड मतो से जीती थी। मुकर्रम अंसारी ने कांग्रेस पार्टी से बहादरपुर जट सीट से नामांकन किया था,
जहां उनका सामना भाजपा भाजपा समर्थित प्रत्याशी सोहनवीर पाल से हुआ, जानकारी के अनुसार सोहन वीर पाल पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे। मुकर्रम अंसारी को हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा में कांग्रेस की प्रत्याशी अनुपमा रावत को जिताने के बाद किंगमेकर बताया जा रहा था। सूत्रों की माने तो विधायक अनुपमा रावत ने उन्हें जिला पंचायत जिताने में कोई सहयोग नहीं किया। कांग्रेस के नेता भी मुकर्रम अंसारी के बढ़ते कद से परेशान थे। जनपद की 44 सीटों में मुकर्रम अंसारी के सीट पर सभी की नजर थी, माना जा रहा था कि अंसारी भी रिकॉर्ड मतो से जीत हांसिल करेंगे। लेकिन कांग्रेस की अंतर्कलह के चलते अंसारी की राजनीति कच्चे रेत की दीवार की तरह ढह गई। दूसरा कारण वे अपने ओवर कॉंफिडेंट के चलते दूसरे गांव में चुनाव में मैदान में उतरे थे, जहां मुस्लिम वोटरों ने भी उसका साथ नहीं दिया। वही भाजपा समर्थित प्रत्याशी सोहनवीर का कहना है कि स्वामी जी के आशीर्वाद ओर जनता के विश्वास ने उन्हें जिताया है। वह सेवा का मौका मिला है जिसके लिए वह जानता के आभारी है।