हरिद्वार।
भारत दल के कार्यकर्ताआें ने आजाद हिंद फौज को लेकर दिए गए शशी थरूर के बयान की निंदा करते हुए देश से माफी मांगने की मांग की है। प्रैस को जारी बयान में भारत दल के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव पंचम सिंह ने कहा कि एक न्यूज एजेंसी को दिए बयान में शशी थरूर ने देश को आजादी दिलाने में आजाद हिंद फौज के योगदान को नकारने का प्रयास किया है। जिसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि जबकि पूरी दुनिया जानती है कि आजाद हिंद फौज के दबाव के चलते ही ब्रिटेन भारत को आजाद करने पर मजबूर हुआ था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आजाद हिंद फौज और सैनिक विद्रोह से बने माहौल के कारण ही अंग्रेजों को भारत से जाना पड$ा था। उन्होंने कहा कि शशी थरूर को अपने विवादित बयान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए और सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पंचम सिंह ने कहा कि सुभाषचंद्र बोस से भयभीत अंग्रेज भारत की आजादी का श्रेय उन्हें नहीं देना चाहते थे। इसलिए उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन को इसका श्रेय दिया। भयभीत अंग्रेज सरकार ने सुभाषचंद्र बोस को कलकत्ता स्थित आवास पर खुफिया निगरानी में लंबे समय नजरबंद रखा। इसके बावजूद सुभाषचंद्र बोस गायब होकर जर्मनी पहुंच गए। ब्रिटिश सरकार भारत में सबसे अधिक सुभाषचंद्र बोस से भयभीत थी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ शुरू किए गए सैनिक संघर्ष की बदौलत ही अंगेज भारत को आजाद करने के लिए मजबूर हुए थे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस देश की आजादी के महानायक हैं। देश की आजादी में नेताजी व आजाद हिंद फौज के योगदान पर विवाद खड$ा करने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं किया जाएगा। शशी थरूर को बताना चाहिए कि साम्राज्यावादी गुलामी से आजाद हुए दुनिया के तमाम देशों को आजादी अहिंसा से मिली या वहां के लोगों के संगठित संघर्ष की बदौलत मिली। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि दुश्मन से युद्ध करके या फिर उसे कमजोर करने से स्वतंत्रता मिलती है। योंगेंद्र चौहान, सतेंद्र चौहान, विमल कुमार, दिनेश प्रसाद, अमरपाल ने आदि ने भी शशी थरूर से विवादित बयान देने के लिए माफी मांगने की मांग की।