हरिद्वार।
पत्नी की धोखे से गंग नहर में धक्का देकर हत्या करने के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिरुद्ध भट्ट ने हत्यारोपी पति को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दूसरे आरोपी देवर को साक्ष्य अभाव में दोष मुक्त कर दिया गया है।
शासकीय अधिवक्ता कुशल पाल ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि 12 मई 2१६ को पीलीभीत यूपी निवासी शिकायतकर्ता जोगराज ङ्क्षसह पुत्र गुरचरण ङ्क्षसह ने नगर कोतवाली हरिद्वार में एक लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में बताया था कि वर्ष 2१२ में प्रदीप शर्मा पुत्र राधेश्याम शर्मा निवासी मोहतसीम खान निवासी पीलीभीत यूपी ने धोखाधड़ी से बहला फुसलाकर उनकी पुत्री एशप्रीत कौर से प्रेम विवाह कर लिया था। विवाह के बाद पुत्री उसी के साथ रह रही थी। कुछ समय बाद पुत्री एशप्रीत कौर को उसका पति व अन्य ससुराल वाले दहेज के लिए प्रताडि$त करने लगे थे। वर्ष 2१५ में दहेज उत्प्रेरण का मुकदमा पीलीभीत में चला था, जहां पर प्रदीप शर्मा ने भविष्य में ऐसा न करने की शर्त पर समझौता कर एशप्रीत कौर को लेकर हरिद्वार आ गया था। तब से हरिद्वार में यह दोनों नई बस्ती में कमरा किराये पर लेकर रहने लगे थे। 1१ मई 2१६ की शाम दामाद प्रदीप शर्मा ने अपनी सास मनजीत कौर को फोन कर 15 लाख रुपये की मांग की थी और न देने पर एशप्रीत कौर को जान से मारने की बात कही थी। जिस पर शिकायतकर्ता पक्ष ने उसी दिन हरिद्वार पुलिस को सूचना देकर हरिद्वार पहुंच गए थे। अगले दिन हरिद्वार में पहुंचने पर पुत्री के मकान मालिक ने बताया था कि बीते दिन की शाम पांच बजे यहां से चले गए थे। इसके बाद से अपनी पुत्री व दामाद प्रदीप की तलाश करता रहा था। न पुत्री के लापता होने पर आरोपी दामाद प्रदीप व उसके घर वालों पर कोई अनहोनी घटित होने की संदेह की आंशका जताते हुए पुलिस को सूचना दी थी। पिता की लिखित शिकायत पर आरोपी दामाद प्रदीप शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान पुलिस ने घटना की रात आरोपी प्रदीप शर्मा अपनी पत्नी एशप्रीत कौर व बच्चे प्रभु को गंगा घाट पर घुमाने के बहाने धनुष पुल पर फोटो खींचने की बात कहकर एशप्रीत कौर को पुल पर बैठाकर धोखे से गंगा में धक्का दे दिया था। काफी खोजबीन के बाद एशप्रीत कौर का शव बरामद नहीं हुआ था। स्थानीय पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी प्रदीप शर्मा व उसके भाई रोहित शर्मा के खिलाफ दहेज के लिए हत्या करने के संबंध में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। वादी पक्ष की आेर से 16 गवाह कराएं गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने हत्यारोपी पति प्रदीप शर्मा को दोषी ठहराया है। जबकि मृतका एशप्रीत कौर के देवर रोहित शर्मा को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया हैं।