हरिद्वार।
अर्ध कुंभ मेले में घाटों के विस्तारीकरण को लेकर प्रशासन द्वारा 870 पेड़ काटने की अनुमति उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से मांगने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा गया है। जिसका समाचार एक राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र मे भी प्रकाशित हुआ था। जिसका संज्ञान लेते हुए हरे पेड़ काटे जाने के विरोध में पर्यावरण प्रेमी अब सामने आने लगे हैं। इसी संदर्भ में हरिद्वार कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव द्वारा पर्यावरण को ध्यान में देखते हुए पेड़ ना काटे जाने बात कही है। उन्होंने इस मामले को एनजीटी द्वारा संज्ञान लिए जाने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विकास के नाम पर जिस तरह से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई है। उसका खामियां जा आज प्रदेश की जनता भुगत रही है। वर्तमान में देखा जाए तो दिल्ली के अंदर पेड़ न होने के कारण प्रदूषण का बुरा हाल है। स्थिति यह है कि लोगों को अपने घरों में एयर फिल्टर लगाकर ताजा ऑक्सीजन लेनी पड़ रही है। यदि हरिद्वार जैसे हरे-भरे क्षेत्र में भी विकास के नाम पर हरे पेड़ों को काटा जाता रहा तो यह बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए एनजीटी से इस मामले में दखल देने और हरिद्वार व उसके आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार से पेड़ ना काटे जाने की अपील भी एनजीटी में की है।
















































