विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में आठ ज्वलंत मुद्दों पर जनजागरण और जनसमर्थन को लेकर रणनीति तैयार की गई है। बैठक में निर्णय में लिया गया कि संत देश भर के गांवों में प्रवास कर विभिन्न जातियों में बंटे हिंदुओं को एकजुट करने का प्रयास करेंगे। वहीं उन्हें भारतीय संस्कृति संस्कारों पर कुठाराघात, समलैंगिक कानून, लिव इन रिलशेन, मठ मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, धर्मांतरण और वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार, भूमि और लव जिहाद जैसे मुद्दों पर जागरूक भी करेंगे। कनखल स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में संतों ने उपवेशन में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि संतो धर्माचार्यों को गांव-गांव जाकर धर्मसम्मत प्रचार करना चाहिए। आज भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर चौतरफा प्रहार हो रहे हैं।धार्मिक षड्यंत्रों को समाप्त करने का प्रयास
समाज में नकारात्मक विचारों का प्रभाव बढ़ रहा हैं।उन्होंने कहा कि समाज में विदेशी षड्यंत्रों पर आधारित सोशल मीडिया के माध्यम से गलत विमर्श स्थापित किए जा रहे हैं। उनको समझ कर तत्काल प्रतिकार करने की आवश्यकता हैं। मिलिंद परांडे ने कहा कि पंजाब से लेकर पूर्वोत्तर तक धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा हैं। संतों ने कहा हिंदुओं को एकजुट करने के लिए जातियों के बंधन के भ्रम को दूर करने की जरूरत है। संतों ने कहा कि संत समाज देशभर के गांवों में प्रवास कर हिंदुओं को एकजुट धार्मिक षड्यंत्रों को समाप्त करने का पूरा प्रयास करेगा।
बैठक में निर्वाणी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज, स्वामी अजनेशानंद सरस्वती बिहार, घीसापंथाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद, गरीबदासाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ब्रह्मस्वरूप, बाबूसिंह, विहिप के केन्द्रीय मंत्री अशोक तिवारी, केंद्रीय संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर राव, क्षेत्र संगठन मंत्री सोहन सिंह सोलंकी, प्रांत संगठन मंत्री उत्तराखंड अजय कुमार, प्रांत उपाध्यक्ष प्रदीप मिश्र, प्रांत उपाध्यक्षा संध्या कौशिक, प्रांत संयोजिका दुर्गा वाहिनी नीलम त्रिपाठी, नीता कपूर, विभाग अध्यक्ष बलराम कपूर, जिला अध्यक्ष नितिन गौतम, राजेंद्र सैनी, पंकज विश्नोई आदि उपस्थित रहे।