विश्व प्रसिद्ध माईक्रोकैमीकल जर्नल में प्रकाशित
हरिद्वार।
वर्तमान समय में देश में खाद्यान्न की मिलावट एक भयंकर चुनौती है। आज उसके भयानक परिणाम के रूप में अनेक बीमारियां सबके सामने हैं। देश के खाद्यान्न में कीटनाशकों और रसायनों का पता लगाने के लिए पतंजलि ने एक नया अनुसंधान किया है जिसको प्रसिद्ध रिसर्च माईक्रोकैमीकल जर्नल ने प्रकाशित किया है।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि इस अनुसंधान के माध्यम से अब लोग स्वयं खाद्य की गुणवत्ता का विश्लेषण कर खाद्य सुरक्षा करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे आर्थिक लाभ के कारण लोग बिना दुष्परिणाम सोचे खाद्य पदार्थों में मिलावट कर रहे हैं। जिस कारण खाद्य पदार्थ दूषित हो गए हैं। दालें, अनाज, दूध, मसाले, घी से लेकर सब्जी व फल तक सभी में मिलावट की जा रही है। शरीर पुष्टि के लिए हम विशेष रूप से खाद्यान्न पर ही निर्भर हैं। शरीर को स्वस्थ रखने हेतु नियमित मात्रा में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन तथा खनिज लवण आदि की आवश्यकता होती है जो हम खाद्यान्नों से ही प्राप्त करते हैं।
उन्होंने बताया कि खाद्यान्न में मिलावट के खेल को समाप्त करने के लिए पतंजलि ने मिलावट रहित स्वदेशी खाद्य उत्पाद तो तैयार किए ही हैं साथ ही पतंजलि का यह नवीन अनुसंधान मिलावटी खाद्यान्न से मुक्ति दिलाएगा। आचार्य ने कहा कि हमें गर्व है अपने वैज्ञानिकों की टीम तथा पतंजलि संस्थान के अनुसंधान पर जिसकी सहायता से लोग खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और स्थायी वैश्विक विकास में योगदान देंगे।