हरिद्वार।
प्रेम प्रसंग की रंजिश के चलते युवक की हत्या करने के मामले तीन आरोपीयों को दोषी पाते हुए द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने तीनो को आजीवन कारावास व 25—25 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता राजकुमार ने बताया कि 17 मई 2018 को भगवानपुर थाना क्षेत्र स्थित गांव चानचक निवासी मुस्तकीम ने अपने गांव के रहने वाले सुलेमान पुत्र जहूर, रहबर पुत्र सुल्तान व अलीम पुत्र अमीर आलम के खिलाफ अपने पुत्र तनवीर को बंधक बनाकर जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री का मृतक तनवीर से प्रेम प्रसंग चल रहा था। घटना के अनुसार 15 मई 2018 को रात के करीब 11.30 बजे हत्यारोपी सुलेमान की पुत्री ने तनवीर को फोन कर अपने घर मिलने के लिए बुलाया था। रात को किसी समय तनवीर अपनी प्रेमिका के घर चला गया था। रात को करीब 2 बजे सुलेमान के घर से तनवीर के चीखने की आवाज सुनाई दी थी। जिस पर गांव के काफी लोग मौके पर पहुंच गए थे,जिन्होंने सुलेमान एवं उसके नाबालिग पुत्र तथा रहबर व अलीम को पाठल, तबल व सरियों से तनवीर पर जानलेवा हमला करते देखा था। मौके पर पुलिस के आने की भनक लगते ही आरोपीगण मौके से भाग निकले थे। मुस्तकीम ने पुलिस की मदद से गंभीर रूप से घायल तनवीर को रुडकी अस्पताल पहुंचा था। उसकी गंभीर अवस्था को देखते हुए वहां से दून हस्पिटल और फिर वहां से पीजीआई चंडीगढ रेफर कर दिया गया था। जहां ईलाज के दौरान 2 मई 2018 को तनवीर की मौत हो गई थी। पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। वादी पक्ष ने साक्ष्य में 19 गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने हत्यारोपियों सुलेमान, रहबर व अलीम को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। घटना के वक्त हत्यारोपी सुलेमान का नाबालिग पुत्र भी हमले में शामिल था। विवेचना के दौरान नाबालिग होने की पुष्टि होने पर उसकी पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के लिए अलग कर दी गई थी।