लक्सर।
उत्तराखंड किसान—मोर्चा की मासिक बैठक में किसान नेताआें ने उत्तराखंड में स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाने का पुरजोर विरोध किया तथा गन्ना मूल्य तुरंत घोषित किए जाने की मांग उठाई है। साथ ही दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों पर सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने की मांग भी की गई है। किसानों की मांग पूरी न होने की स्थिति में सरकार के खिलाफ उत्तराखंड में बड$ा आंदोलन शुरू किए जाने की चेतावनी भी दी गई है।
लक्सर के निकट शेखपुरी गांव में उत्तराखंड किसान मोर्चा कार्यकर्ताआें द्वारा आयोजित मासिक बैठक में मुख्य अतिथि के रूप पहुंचे उत्तराखंड किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष चौधरी महकार सिंह ने कहा कि सरकार तो किसानों को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नही है। इसे लेकर विपक्ष को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहिए तथा किसानों के पक्ष में आवाज उठानी चाहिए, लेकिन विपक्ष भी केवल बाते ही बनाता है।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार के विधायक जनता की आवाज उठाने के बजाय प्रापर्टी डीलर का काम कर रहे हैं। उन्हें भी किसानों की समस्याआें से कोई सरोकार नही है। उन्होने आरोप लगाते हुए कहा कि नेताआे को सिर्फ चुनाव के समय में ही किसान अन्नदाता नजर आते है, किंतु उसके बाद उन्हें किसानों की समस्याआें से कोई मतलब नही रहता है। इसलिए उत्तराखंड किसान मोर्चा तमाम किसानों को एकत्र कर एक बार फिर किसानों की समस्याआें को लेकर बड$े आंदोलन की रणनीति बना रहा है।
किसान मोर्चा के तहसील अध्यक्ष चौधरी सतवीर प्रधान ने कहा कि जनपद में प्राइवेट दुकानों पर यूरिया खाद का बोरा तीन सो रुपए में मिल रहा है तथा जिंक सल्फर साथ मे दिया जा रहा है। इस प्रकार दुकानदारों द्वारा किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है। वहीं मोर्चा के ब्लाक अध्यक्ष दुष्यंत चौधरी ने कहा कि बिजली के रेट एक साल में तीन—तीन बार बदल रहे है। ऊपर से विजिलेंस किसानों के ऊ पर छापेमारी कर रही है। किसान इस छापेमारी का विरोध करते है। बैठक में सतवीर झबरेड$ी, संदीप बसेड$ी, राजपाल प्रधान, सरदार जसवीर सिंह, सतीश प्रधान, नरेंद्र सिंह, संदीप मिर्जापुर, सोनू कुमार, अनूप सिंह, पवन सिंह, जनी, सोमपाल सिंह, कामिल प्रधान आदि दर्जनों किसान नेता उपस्थित रहे।