खबर का असर: हरे भरे पेड़ काटने के विरोध में लामबंध हो रहे हरिद्वार वासी, घाट निर्माण के नाम पर हरे भरे पेड़ो को काटने के खिलाफ किया प्रदर्शन, दी चिपको आन्दोलन की चेतावनी
-यदि हम जागरूक नहीं हुए तो हरिद्वार का हाल भी दिल्ली, एनसीआर जैसा हो जाएगा जहां आज स्वच्छ सांस लेना भी दुर्लभ हो गया है: प्रदीप कालरा
हरिद्वार।
धर्म नगरी की गंग नहर पटरी पर सिंहद्वार से अमरापुर घाट तक घाटों के निर्माण की योजना के तहत सैकडो हरे भरे पेडो के काटने की योजना के खिलाफ आज पर्यावरण मित्र संस्था के सदस्यों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर इसे तुरंत रोकने की मांग की गई। संस्था के अध्यक्ष डा. संदीप कपूर एवं व्यापारमंडल के जिला महामंत्री प्रदीप कालरा ने कहा कि विकास के नाम पर पर्यावरण का विनाश नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यदि हम जागरूक नहीं हुए तो हरिद्वार का हाल भी दिल्ली, एनसीआर जैसा हो जाएगा जहां आज स्वच्छ सांस लेना भी दुर्लभ हो गया है। संस्था के महामंत्री संजय पंवार एवं संरक्षक नीलू खन्ना ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के नाम पर टैक्स लगा दिया है। धर्मनगरी हरिद्वार में सैकडो पेडो को काटने की तैयारी कर रही है। यह दोहरा चरित्र सहन नहीं किया जाएगा। प्रदर्शन के अंत में यह निर्णय लिया गया कि यदि सरकार ने यह निर्णय वापिस नहीं लिया तो हरिद्वार में एक नया चिपको आंदोलन चलाया जाएगा। परंतु किसी भी कीमत पर हरे भरे पेडो को कटने नहीं देंगे। प्रदर्शन करने वालों में मुख्य रूप से अभिषेक गुप्ता, संजय भारद्वाज, रवि गुप्ता एडवोकेट, आशु गिरि, वीरेंद्र शर्मा, संजय खुराना, विनय सिंघल, रजत जैन, सुदेश सैनी, अशोक पहलवान, चंद्रमोहन खुराना, चौधरी हरपाल सिंह, स्वराज सिंह, अतुल गुप्ता, पीयूष वर्मा, पवन घई आदि मुख्य रूप से थे।
















































