उत्तराखंड देहरादून

टिकट मिला होता तो हरिद्वार जीत कर दिखाता: हरक

मुसीबत के समय कांग्रेस मेरे साथ नहीं थी

देहरादून।

लोकसभा चुनाव से पूर्व अचानक राजनीतिक परिदृश्य से गायब हुए कांग्रेस नेता डा. हरक सिंह रावत आज अचानक मीडिया के सामने आते ही कांग्रेस पार्टी और पूर्व सीएम हरीश रावत पर बरस पड़े। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्यवाही के समय कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया, उन्होंने लोकसभा चुनाव में हार के लिए हरीश रावत को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर उन्हें हरिद्वार सीट से टिकट दिया गया होता तो उनकी भारी मतों के अंतर से जीत सुनिश्चित थी।
उन्होंने कहा कि हरीश रावत दूसरों पर सवाल उठा रहे हैं कि इसने चुनाव प्रचार में सहयोग नहीं किया या उसने चुनाव प्रचार में सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत हरिद्वार से निकलकर किसी भी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने क्यों नहीं पहुंचे। डा. हरक का कहना है कि ईडी का छापा उनके यहां तो नहीं पड़ा था फिर वह क्यों डर रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्टी उस मुश्किल हालात में मेरे साथ नहीं खड़ी थी। जब उनसे कहा गया कि पार्टी के नेता और विधायक आपसे मिलने गए थे तो उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल व्यक्तिगत रूप से मुझसे मिले पार्टी के तौर पर नहीं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस छोड़ने जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। हरक सिंह ने कहा कि अनुकृति जरूर भाजपा में गई है। अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि मैने एक रूपये की भी हेरा फेरी नहीं की है। अत्यंत ही भावुक अंदाज में उन्होने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया। उल्लेखनीय है कि हरक के कांग्रेस में वापसी के बाद से ही हरीश खेमे ने उन्हें बिल्कुल अलग-थलग कर दिया था। हरक को विधानसभा का टिकट भी नहीं दिया गया उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने हरिद्वार सीट से टिकट की दावेदारी की थी लेकिन हरीश रावत अपने बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे, जो चुनाव हार गए।

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