हरिद्वार।
दहेज के लालच में षड्यंत्र रचकर पत्नी की हत्या करने वाले पति को पंचम अपर जिला जज मुकेश चंद आर्य ने सात वर्ष की कठोर कैद व 1१ हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। वहीं इसी मामले में दूसरी आरोपी ऋतु के गैरहाजिर होने पर उसकी पत्रावली पृथक कर दी गई थी।
शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार गुप्ता ने बताया कि हरियाणा निवासी शिकायतकर्ता भीष्म शर्मा की पुत्री महिमा की शादी वर्ष 2१६ में आरोपी सचिन पुत्र कश्मीर ङ्क्षसह निवासी ग्राम ईगराह थाना सदर जींद हरियाणा के साथ हुई थी। शादी में शिकायतकर्ता ने 15 लाख रुपये की धनराशि खर्च की थी। शादी के बाद से ही महिमा को उसका पति सचिन व उसके ससुरालीजन दहेज के लिए प्रताडित करने लगे थे। ससुरालियों पर उत्पीड$न, प्रताडि$त व ताने मारकर महिमा को परेशान करने का आरोप था। शिकायतकर्ता की पुत्री महिमा ने घर आकर बताया था कि उसके पति के विभाग में कार्यरत महिला ऋतु से अवैध संबंध है।सचिन उसी ऋतु के कहने पर उसे परेशान करता है। शिकायतकर्ता ने इस संबंध में आरोपी सचिन के परिजनों व रिश्तेदारों से बात की, तो उन्होंने भविष्य में ऐसा नही होने का भरोसा दिलाया था। जिस पर शिकायतकर्ता ने समझाकर पुत्री को उसकी ससुराल भेजा था। इसके बाद 1 अगस्त 2१७ को पुत्री की ससुराल से ससुर कश्मीर ङ्क्षसह ने मोबाइल पर बताया कि सचिन व महिमा घूमने के लिए हरिद्वार गए थे। जहां महिमा गुम हो गई हैं। सूचना पाकर शिकायतकर्ता व अपने रिश्तेदारों के साथ हरिद्वार आए थे। घटना के संबंध में मृतका महिमा के शिकायतकर्ता पिता भीष्म शर्मा ने कोतवाली नगर में पति सचिन व ऋतु के खिलाफ संबंधित धाराआें में केस दर्ज कराया था। मुकदमें में सरकारी पक्ष की आेर से 16 गवाह पेश किए गए। जबकि बचाव पक्ष की आेर से दो गवाह पेश किए गए।













































