उत्तराखंड हरिद्वार

लापरवाही: दो महीने में चार हाथी बने मौत का ग्रास

-वन विभाग व विद्युत विभाग की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे वन्यजीव
-वन विभाग में मचा हडकंप, मौके पर पहुंचे अधिकारी

बहादराबाद।
क्षेत्र में बुधवार सुबह एक दर्दनाक खबर सामने आई, जहां गंगनहर पटरी किनारे झाडियों में एक वयस्क टस्कर (नर हाथी) का शव बरामद हुआ। हाथी का शव हाई टेंशन लाइन के नीचे पड$ा मिला। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग में हडकंप मच गया, विभागीय अधिकारी सूचना मिलते ही डीएआे हरिद्वार व वन विभाग के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पशु चिकित्सक और स्थानीय पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। प्राथमिक जांच में अधिकारियों ने आशंका जताई है कि हाथी की मौत करंट लगने से हुई है। बताया जा रहा है कि हाथी जंगल से निकलकर खेतों की आेर भटक आया था और इसी दौरान वह विद्युत लाइन के संपर्क में आ गया। डीएफ आे अनिरूद्ध ने बताया कि हाथी की उम्र लगभग 25 से 30 वर्ष के बीच प्रतीत होती है। मौके पर ही वन चिकित्सकों की टीम ने हाथी का पोस्टमार्टम किया है, जिसमें करंट लगने से मौत की पुष्टि हुई है। शव को निर्धारित प्रक्रिया के तहत दफनाने की कार्रवाई की जा रही है। वन क्षेत्राधिकारी ने बताया कि हाथी की मौत करीब दो दिन पहले विद्युत प्रवाह के चलते हुई है। इस क्षेत्र से हाई टेंशन लाइन गुजरती है, बताया कि विभाग के अध्यक्ष द्वारा विद्युत सचिव को पत्र भेज कर वन क्षेत्र के आसपास की विद्युत लाईनो को ऊचा करने व सुरक्षित करने केलिए कहा गया है। बताया कि पूरी घटना की विस्तृत जांच की जा रही है और बिजली विभाग से भी रिपोर्ट मांगी गई है। इस घटना के बाद वन विभाग में हड$कंप मच गया है। अधिकारी अब यह जांच कर रहे हैं कि क्या बिजली लाइन की ऊं चाई और सुरक्षा मानकों में कोई लापरवाही तो नहीं बरती गई। हरिद्वार वन प्रभाग ने स्थानीय बिजली निगम से रिपोर्ट तलब की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि यह क्षेत्र हाथियों के सामान्य मार्ग (कॉरिडोर) में आता है और आए दिन यहां जंगली हाथियों की आवाजाही होती रहती है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि बिजली लाइनों की ऊं चाई बढ$ाई जाए और करंट से बचाव के इंतजाम किए जाएं। वन विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र में गश्त बढ$ाने और हाथियों के आवागमन वाले इलाकों में हाई टेंशन तारों की जांच करने का निर्णय लिया है। गंगनहर किनारे झाडियों में टस्कर की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड$ा कर दिया है कि क्या जंगलों के किनारे फैली बिजली लाइनों के कारण वन्यजीव सुरक्षित हैं वन विभाग की जांच रिपोर्ट से साफ होगा कि यह दुर्घटना थी या किसी तकनीकी लापरवाही का परिणाम।
उल्लेखनीय है कि बीते दो माह में यह चौथे हाथी मौत करंट से हुई है। इससे पहले लालढांग, बावजूद इसके वन विभाग के कर्मचारी जिन्हें रेंज में जिम्मेदारी दी गई है वह अपना कार्य लापरवाही से कर रहे है। अन्यथा विभाग पहले हाथी की मौत के बाद ही सतर्क हो जाता और अन्य तीन संरक्षित जंगली हाथी काल का ग्रास बनने के बच जाते।

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