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विभिन्न अखाडो से जुडे दर्जनों महामण्डलेंश्वरो व संतो ने लगाया उपेक्षा का आरोप, जूना ने दो महामंडलेश्वरों को किया निष्कासित

विभिन्न अखाडो से जुडे दर्जनों महामण्डलेंश्वरो व संतो ने लगाया उपेक्षा का आरोप
-मुख्यमंत्री के साथ अखाडो के संवाद और समर्थन से मेला प्रशासन में खुशी की लहर, अन्य संतो व महामंडलेश्वरों को कार्यक्रम का निमंत्रण न मिलने पर रोष प्रकट किया

हरिद्वार।
देवपुरा चौक स्थित भारत सेवाश्रम में सभी अखाड$ो से जुड$े दर्जनों महामंडलेश्वरों एवम आश्रमो के संतों ने बैठक कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में संतो की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने अखाडो के साथ बैठक कर उनका समर्थन प्राप्त कर लिया। लेकिन मेला केवल अखाडो का नही है कुम्भ मेले में महामण्डलेश्वरो और आश्रमो के पण्डाल लगते है सैकडों महामण्डलेश्वर व कथा वाचक अपने भक्तो को साथ् लेकर आते है जिनसे कुम्भ मेले की भव्यता और दिव्यता बढती है। एेसे में केवल अखाडो को ही तवज्जो देना न्यायहित नही है। मुख्यमंत्री को अखाड$ो के अलावा अन्य महामण्डलेश्वरो और संतो की भी बात सुननी चाहिए। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए अखाड$ो और सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया।
बैठक में चर्चा के दौरान कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी यतींद्रानंद गिरी ने कहा कि  अखाड़ों की अपनी व्यवस्थाएं हैं उनके अपने संगठन है, जिनके बल पर वह सरकार से अपनी बात मनवा लेते हैं। हम हम सरकार से या अखाडो से कोई बैर नहीं रखते न ही अखाड$ो से कोई हमारा भेदभाव है। कहा कि हम भी उन सभी अखाड$ों से ही हैं। कहा कि सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए हमें भी संगठित होना होगा और परिषद बनानी होगी। जिसमें पूरे भारत के आश्रमों को जोड$कर सरकार तक अपनी समस्याए पहुंचानी होगी। उन्होने संगठन के नाम और देश भर के सभी महामण्डलेश्वरो को जोडने के लिए पांच संतो की समिति का गठन किया। जिसमे उन्होंने निर्मल संतपुरा के संत जगजीत सिंह, स्वामी प्रबोधानन्द, स्वामी विवेकानंद, बाबा बलरामदास हठयोगी व स्वामी रवि शा ी का नामित किया। उन्होने कहा कि पांच संतो की समिति सभी महामण्डलेश्वरो और आश्रमो के संतो से बातचीत कर आगे की रूपरेखा बनाएगी। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री कुंभ मेले को लेकर गंभीर हैं लेकिन प्रशासन केवल अखाडो का ही तवज्जो दे रहा है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में महामण्लेश्वरो और आश्रमो को न बुलाने पर संत समाज में रोष है।
उल्लेखनीय है कुम्भ मेले को लेकर तीन दिन पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डैम कोठी पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी। जिसमे सभी अखाड़ो के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को भव्य कुम्भ आयोजन के लिए अपना समर्थन प्रदान किया था।

वही संतों की इस बैठक के बाद जूना अखाड़े ने दो महामंडलेश्वरों स्वामी यतींद्रानंद ओर प्रभोदानंद महाराज को अखाड़े से निष्कासित कर दिया।

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