हरिद्वार।
राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष महेश गौड ने सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर श्रवणनाथ नगर स्थित मेरठ वाली धर्मशाला की रजिस्ट्री निरस्त करने और सीबीआई जांच की मांग की है। ज्ञापन में महेश गौड$ ने कहा कि हरिद्वार धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी है। जिसका अस्तित्व यहां के आश्रमों, धर्मशालाआे और अखाड$ों से है। लेकिन भूमाफियाआें की गिद्ध दृष्टि हरिद्वार की प्राचीन धर्मशालाआें पर है। जिन्हें वे औने पौने दामों पर खरीद कर होटलों में परिवर्तित कर रहे हैं। जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी चैरिटेबल ट्रस्ट और धार्मिक संपत्ति को खरीदने और बेचने के लिए जिला जज से अनुमति लेना आवश्यक है। इसके बावजूद किसी भी प्रकरण में ऐसा नहीं किया जा रहा है। भूमाफिया अधिकारियों और रजिस्ट्रार से मिलकर धर्मशालाआें और आश्रमों की लगातार खरीद फरोख्त कर रहे हैं। पूर्व में भी कई धर्मशालाए इसी प्रकार अवैध रूप से खरीदी गई और उन्हें होटलो में परिवर्तित किया जा चुका है। धर्मशाला सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विकास तिवारी ने कहा की मेरठ वाली धर्मशाला को लेकर लगभग ढाई दशक पूर्व तत्कालीन प्रबंधक रामप्रकाश शर्मा की हत्या हो चुकी है। लेकिन भूमाफियाआें के हौसले आज भी बुलंद हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर इस पूरे प्रकरण की जांच नहीं की गई और रजिस्ट्री निरस्त नहीं की गई तो समिति के पदाधिकारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव भी करेंगे। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में कोषाध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, रमेश मिड्ढा, हीरालाल शर्मा, क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंधक समिति के अध्यक्ष भीमसेन, महामंत्री डा. हर्षवर्धन जैन, अमित शर्मा, सोनू शर्मा, सुनील तिवारी, गुरुबचन आदि शामिल रहे।