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गंगा की स्वच्छता के लिए धन की नही नियत की आवश्यकता : पद्मश्री एमसी मेहता

हरिद्वार।
राष्ट्रीय गंगा नदी दिवस पर गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय में गंगा महोत्सव का आयोजन हुआ।
इस मौके पर पद्मश्री एवं मेगसे पुरस्कार से सम्मानित एमसी मेहता ने कहा कि गंगा हमारी राष्ट्र की पहचान है। इसको स्वच्छ और पवन रखना हम सबका परम दायित्व है। गंगा की स्वच्छता के लिए धन की नहीं नियत की आवश्यकता है और इसके लिए प्रत्येक भारतीय को आगे जाकर गंगा को स्वच्छ निर्मल बनाए रखने की शपथ के साथ—साथ बडी मात्रा में वृक्षारोपण करना होगाद्य साथ ही गंगा को प्रदूषित करने वाले स्रोतों की पहचान करके उसके लिए ठोस नीति बनाकर के गंगा को  गंगा को प्रदूषण रखना होगा।
कार्यक्रम के संयोजक व संचालक शंभू नौटियाल ने कहा कि 4 नवंबर को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था तब से गंगा विश्व धरोहर मंच इस दिन को गंगा महोत्सव के रूप में मनाता है। इस हेतु आज गंगा घाट पर पूजा अर्चना की गई व स्वच्छता कार्यक्रम के साथ योग व नुक्कड नाटक के माध्यम से गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया।
डा. राकेश भूटानी एवं डा. किशोर चौहान ने गंगा के महत्व एवं वैज्ञानिक आधार के संदर्भ में में अपने तर्क रखें। ग्रीन मैन विजयपाल बघेल आदि ने गंगा के विभिन्न सरोकारों के बारे में चर्चा की कार्यक्रम में मंजीरा देवी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. हरिशंकर नौटियाल ने भी अपने महत्वपूर्ण विचारों को सभी के सम्मुख रखे। कार्यक्रम में नमामि गंगे के प्रदेश सहसंयोजक पवन नौटियाल, पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरिया, डक्टर कपिल पवार, अरविंद कुडियाल, ओमकार बहुगुणा, माधव जोशी डक्टर कपिल प्रमोद शर्मा, नारायण सिंह राणा, आदि उपस्थित थे।

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