– डीजीपी बनने के बाद अधीनस्थों को बतायी प्राथमिकता
हरिद्वार।
कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद तीर्थनगरी में सीसीआर में अधिकारियों के साथ पहली बैठक कर अपनी प्राथमिकताएं बतायी। उत्तराखण्ड मित्र पुलिस के प्रचलित सलोगन पर नवनियुक्त डीजीपी ने मित्र पुलिस पर खुलकर बोलते हुए कहा कि अपराधियों के लिए मित्र नहीं काल बनेगी उत्तराखण्ड पुलिस। अन्य प्रदेशों से आकर उत्तराखण्ड को शरणस्थली बनाने वाले बदमाशों के विरुद्ध सख्ती से निपटा जाएगा। वर्ष 2025 तक देवभूमि को ड्रग्स मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता में है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने सर्वप्रथम हरिद्वार जनपद में तैनात आफिसर्स का परिचय प्राप्त किया गया। अपने विजन को जाहिर करते हुए मातहतों को अपनी अपेक्षाएं व प्राथमिकताएं बतायी। अपराध को कम करना हो चाहे जनता के दिल में जगह बनाना, इसके लिए पुलिस महत्वपूर्ण कड$ी है। छोटी—मोटी समस्याएं ही बाद में बड$ी समस्याएं बनती हैं इसलिए घटना होने के बाद जो भी विधिक कानूनी प्रक्रियाएं हैं उनको समय रहते पहले ही कर लें किसी का फोन आने का इंतजार न करें। वर्दी पहनी है तो प्राइड के साथ हम काम करें। आपका टर्नआउट एेसा होना चाहिए कि पब्लिक के मन में सम्मान की भावना उत्पन्न हो और खुद भी इससे आत्मविश्वास आता है। काम एेसा करें कि स्थानीय जनता का पुलिस पर विश्वास बना रहे। जो पुलिस को दबंगई दिखाते हैं उनका प्रभावी रूप से इलाज होना चाहिए। कानून व्यवस्था वाले मामलों में कोई प्रोफेशनल समझौता न करें। सोशल मीडिया में कोई घटना वायरल होने पर आप निर्णय नहीं ले रहे हैं या टाल रहे हैं तो फिर ये बातें बड$ी हो जाती हैं इसलिए जरूरी है कि आप इफेक्टिव रैस्पांस दें। थाना चौकियों की साफ सफाई का भी ध्यान रखा जाए। पर्यावरण में लगातार आ रहे परिवर्तन को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि हम भी इस दिशा में गंभीरता से सोचें काम करें। मैं चाहूंगा कि जहां संभव हो थाने में सोलार सिस्टम एवं रिंग वाटर हार्वेस्टिंग की जाए। जिससे पानी को बचाने में भी मदद मिलेगी। बदलते परिवेश से समन्वय स्थापित करते हुए पुलिस कर्मियों के स्तर में भी सुधार किया जाए। प्रत्येक थाने में स्मार्ट बैरक की संभावनाआें के दृष्टिगत प्रस्ताव बनाएं जाएं। हरिद्वार जनपद राज्य के लिए फ्लैगशिप जिला है। कई फैक्टर्स की जिनकी वजह से हरिद्वार जिला संवदेनशील हो गया है। सभी सीनियर आफिसर महिला पुलिस कर्मियों की समस्याआें पर विशेष ध्यान दें। महिला संबंधी अपराधों में सेंसिविटी लाएं। किसी भी महिला पुलिस अधिकारी के साथ किसी विभागीय व्यक्ति ने किसी भी प्रकार का गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए एेसी जानकारी होने पर सस्पेंसन या बर्खास्तगी जरूरी। महिला अधिकारों की सुरक्षा का दायित्व सबसे पहले अपने थाना—चौकियों में नियुक्त महिला पुलिस कर्मियों से शुरु करें। सभी अधिकारी जैसा व्यवहार खुद के साथ चाहते हैं वैसा ही व्यवहार जनता व अपने अधीनस्थ कर्मियों के साथ भी करें। अपराधी अपनी गतिविधियों को लगाम नहीं देंगे तो हमे निपटना आता है। साईबर अपराध के बढ$ते मामलों पर समय रहते लगाम लगाना और जनता को जागरूक करना जरूरी। ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होना चाहिए। इस मौके पर एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल, एसपी क्राइम ट्रैफिक अजय गणपति कुंभार, एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एएसपी सीआे लक्सर मनोज ठाकुर, एएसपी संचार विपिन कुमार समेत जनपद के सभी क्षेत्राधिकारी, सभी थानाध्यक्ष, सभी शाखा प्रभारी एवं अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।