धर्मनगरी में चार दिन बाद लोगों को सूर्यदेव के दर्शन हुए। गुनगुनी धूप से लोगों को कुछ हद तक राहत तो मिली, लेकिन कोहरे की धुंध पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई। इससे लोगों की परेशानियां कम नहीं हो पाई।
बुधवार को दिन भर मौसम का मिजाज बदलता रहा। बादलों के बीच सूर्यदेव का लुका-छिपी का खेल जारी रहा। चार दिन बाद कुछ देर के लिए सूर्यदेव ने दर्शन दिए। इससे लोगों को फोरी राहत मिली। आवासीय कालोनीयों में लोग अपनी छतों पर धूप सेकते नजर आए। चार दिन से घरों में कैद बच्चे भी छतों पर चढ़कर पंतगबाजी का आनंद लेते दिखे। लेकिन लोग अधिक देर तक धूप का मजा नहीं ले पाए।
कुछ ही देर में सूर्यदेव कोहरे की सफेद चादर के आगोश में समा गए। जिसके बाद फिर से सर्दी का ग्राफ तेजी से बढ़ गया। धूप के गायब होते ही फिर से भवनों की छतों पर सन्नाटा पसर गया। सड़कों पर दोपहिया वाहनों पर चलने वाले अपने को पूरी तरह ढककर ठंड से बचाव करते दिखे। आवाजाही करने वाले वाहनों की लाइट भी जली रही।