– पकड़े आरोपितों में एक बैंक कर्मचारी भी शामिल
– आरोपितों के कब्जे से चार लाख की रकम बरामद
हरिद्वार।
कनखल थाना क्षेत्र में दस दिन पहले ग्रामीण के बैंक खाते से फर्जी हस्ताक्षर कर पांच लाख की रकम निकालने वाले में शामिल बैंक कर्मी समेत तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के कब्जे से चार लाख की रकम बरामद हुई। पीडि़त तीन दिन पहले पुलिस में तहरीर देकर घटना का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच करने के बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने के बाद मेडिकल करवा कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।
कनखल थाना प्रभारी नितेश शर्मा ने जानकारी दी कि जमालपुर कला कनखल निवासी रतन सिंह ने 1 जून को तहरीर दी कि जगजीतपुर स्थित उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के उसके खाते से किसी व्यक्ति ने दिनांक 25 अप्रैल को पांच लाख रुपये निकाल लिए। रकम निकलने की जानकारी लगने पर उसने बैंक में संपर्क करने पर बैंक स्टाफ ने पैसे निकाले जाने का विड्राल फार्म दिखाया गया। निकासी फार्म पर फर्जी हस्ताक्षर कर रकम निकाली गयी थी। फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बैंक खाते से धोखाधड$ी कर पांच लाख रुपये गबन करने को गंभीरता से लेते हुए संबंधित धाराआें में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरु की गयी। धोखाधड$ी के खुलासे के लिए गठित पुलिस टीम ने अलग—अलग सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। बैंक में तैनात कर्मचारी सन्नी की संदिग्धता पायी गयी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने सन्नी को श्मशान घाट पुल बैरागी से गिरफ्तार कर पूछताछ की गयी। पूछताछ में धोखाधड़ी में शामिल मोनू व रविन्द्र को देव बिहार जगजीतपुर से गिरफ्तार किया। आरोपितों के कब्जे चार लाख रुपए की रकम बरामद हुई। बैंक से रकम निकालने के बाद तीनों ने रकम का बंटवारा कर लिया। आरोपियों से सख्ती से पूछताछ पर दी कि ठगी का तानाबान बुनकर तीनों ने वारदात को अंजाम दिया था। रकम मिलने पर सन्नी व मोनू को दो—दो लाख व रविन्द्र को एक लाख रुपए मिले थे। सन्नी से 1 लाख 47 हजार रुपये, मोहित शर्मा से 1 लाख 59 हजार रुपये व रविन्द्र से 94 हजार रुपये बरामद हुए। घटना में इस्तेमाल की गई कार को कब्जे में ले लिया। सन्नी कुमार पुत्र विशनदास निवासी क्-36 मायापुर डामकोठी कोतवाली नगर हरिद्वार, मोहित शर्मा उर्फ मोनू पुत्र दिनेशचन्द्र शर्मा निवीस अशोक विहार राजागार्डन कनखल व रविन्द्र पुत्र सल्लूराम निवासी ग्राम सरसावा थाना सरसावा जिला सहारनपुर उत्तर प्रदेश का मेडिकल कराने के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।