बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों में कोविड-19 से मौत की दर सामान्य आबादी की तुलना में पांच गुना अधिक है। एक शोध में यह पता चला है। बौद्धिक विकलांगता एक ऐसा शब्द है, जिसका उपयोग तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति की दैनिक जीवन में अपेक्षित स्तर पर सीखने और कार्य करने की क्षमता सीमित होती है।
हालांकि महामारी के पहले दो वर्षो के दौरान बौद्धिक अक्षमता वाले लोगों के लिए कोविड से संबंधित मौतों की उच्चदर की सूचना मिली है। यह अज्ञात है कि महामारी ने ऐसे लोगों के लिए मौजूदा मृत्युदर असमानताओं को किस हद तक प्रभावित किया है।
टीम ने शोध के लिए कोविड-19 महामारी के पहले दो वर्षो (2020 और 2021) की महामारी से पहले की अवधि (2015-19) से तुलना की। 2015 में फॉलो-अप की शुरुआत में बौद्धिक अक्षमता के संकेतक वाले 187,149 डच वयस्कों को नामांकित किया गया था और सामान्य आबादी के 1.26 करोड़ वयस्कों को शामिल किया गया था। जर्नल द लांसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित निष्कर्षो से पता चला है कि कोविड-19 से सामान्य जनसंख्या मृत्युदर की तुलना में बौद्धिक अक्षमताओं वाली आबादी में पांच गुना अधिक थी, विशेष रूप से 30 वर्ष से कम आयु (22 गुना अधिक) और उनमें से 60 वर्ष से कम आयु (नौ गुना अधिक)। इस प्रकार, हालांकि बौद्धिक अक्षमता वाले लोग पहले से ही पहले से मौजूद मृत्युदर असमानता का सामना कर रहे थे, महामारी के दौरान सामान्य आबादी के सापेक्ष इस जोखिम अंतर का परिमाण बढ़ गया।