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पतंजलि विश्वविद्यालय को ज्ञान भारतम मिशन, संस्कृति मंत्रालय द्वारा बनाया गया क्लस्टर सेंटर

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय संस्कृति, धरोहर एवं विरासत के संरक्षण की दूरष्टि का आधार है ज्ञान भारतम मिशन : स्वामी रामदेव
-पतंजलि विश्वविद्यालय के भारतीय संस्कृति के रक्षण के प्रयासों को और दिव्यता प्रदान करेगा ज्ञान भारतम मिशन : आचार्य बालकृष्ण
-ज्ञान भारतम मिशन के क्लस्टर सेंटर के रूप में देश का पहला योग एवं आयुर्वेद का विश्वविद्यालय है पतंजलि :  डा.अनिर्बान दाश

हरिद्वार।
ज्ञान भारतम मिशन, संस्कृति मंत्रालय के द्वारा आज हरिद्वार में आयोजित एक समारोह में पतंजलि विश्वविद्यालय को क्लस्टर सेंटर के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इस संदर्भ में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगगुरु स्वामी रामदेव, कुलगुरु डा. आचार्य बालकृष्ण तथा ज्ञान भारतम मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा. अनिर्बान दाश, डा. श्रीधर बारीक (कर्डिनेटर, एनएमएम) तथा विश्वरंजन मालिक (कर्डिनेटर, डिजिटाइजेशन, एनएमएम) की उपस्थिति में एक एमआेयू साइन किया गया।
इस अवसर पर योगगुरु स्वामी रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संस्कृति मंत्री गजेंद्र शेखावत सहित ज्ञान भारतम मिशन की पूरी टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की संस्कृति मूलक भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण का जीवंत उदाहरण है ज्ञान भारतम मिशन।
डा.आचार्य बालकृष्ण ने बताया की अभी तक 3३ एमआेयू इस मिशन के तहत साइन हुए हैं जिसमे क्लस्टर सेंटर 2 हैं। इनमें से 8 विश्वविद्यालय हैं और योग शिक्षा आधारित प्रथम क्लस्टर सेंटर पतंजलि विश्वविद्यालय है। उन्होंने बताया अभी तक पतंजलि विश्वविद्यालय में 500 से ज्यादा प्राचीन ग्रंथों के संरक्षण, 4२ लाख पृष्ठों के डिजिटलाइजेशन और 4 से अधिक पांडुलिपियों के शोधन एवं पुनर्पकाशन का कार्य किया जा चुका है। ज्ञान भारतम के क्लस्टर सेंटर के रूप में अब पतंजलि इस कार्य को और दिव्यता प्रदान करते हुए 2 केन्द्रों को भी प्रशिक्षित और प्रोत्साहित कर इस मिशन से जोड$कर भारतीय संस्कृति के रक्षण का कार्य कर सकेगा। इस अवसर पर ज्ञान भरतम मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डा.अनिर्बान दाश ने बताया कि ज्ञान भारतम मिशन के अंतर्गत क्लस्टर सेंटर के रूप में पतंजलि विश्वविद्यालय योग और आयुर्वेद पर आधारित पांडुलिपियों पर ना केवल शोध करेगा अपितु इसको शिक्षा क्रांति से जोड$कर देश एवं समाज तक पहुँचाएगा।
इस अवसर पर पतंजलि विश्वविद्यालय की मानविकी एवं प्राचीन अध्ययन संकाय की डीन डा. साध्वी देवप्रिया सहित पतंजलि अनुसंधान संस्थान के डा. अनुराग वार्ष्णेय, डा. सतपाल, डा. करुणा, डा. स्वाति, डा. राजेश मिश्रा, डा. रश्मि मित्तल सहित सभी छात्र एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

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