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आरक्षण महिलाओं के नाम पर खुलेगी पति की लॉटरी

दावेदारी के नाम पर पति चमकाने लगे अपनी राजनीति
सियासी तौर पर अभी तक कोई सशक्त नाम नहीं सामने
हरिद्वार।
हरिद्वार नगर निगम मेयर सीट महिला ओबीसी सीट की घोषणा के बाद वर्षो से मेयर बनने का सपना देखने वाले नेताओं का सपना तो चूर हो गया। लेकिन कुछ नेता इस अवसर को अपने परिवार की महिलाओं को टिकट दिलाने की कवायद में जुट गये है। विभिन्न चाटुकारो द्वारा सूची जारी होने के बाद से ही अपने प्रिय नेताआे और उनकी धर्मपत्नियो के  नामों को उजागर किया जा रहा है। लेकिन देखा जाये तो जिन नेताओं को अपनी पत्नी मेयर बनती नजर आ रही है उन्हें और उनके आकाओं को सोचना होगा की समाज में उनकी पत्नियों का क्या योगदान रहा है। प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस में वर्षो से महिला नेता भी लगातार सक्रिय राजनीति मेें योगदान दे रही है। बडे बडे आयोजनो में महिला नेताओं की बराबर की भागीदारी देखी जा सकती है। कई राजनीतिक मंचो और कार्यक्रमों को सफ ल बनाने में महिला नेताआे की कार्यशैली मजबूत देखी गई है। बावजूद चुनावो का बिगुल बजते ही इन महिला नेताओं को किनारे कर मंत्रियों और बडे नेताआे के करीबी छुटभैय्ये नेता परिवार वाद को बढावा देने के चक्कर में लगे है। वर्षो से अपने परिवार से बेपरवाह महिला नेताआे को नजरअंदाज किया जा रहा है। जबकि दोनों राजनीतिक दलों में किसी भी वर्ग की महिला नेताओं की कोई कमी नही है। लेकिन अभी तक इन महिला नेताओं में से न तो किसी को उनके संगठन द्वारा पूछा गया है न ही किसी ने अपनी दावेदारी की है। जबकि महिला जागरूता संरक्षण और संवर्धन की बात रकने वाले बडे बडे नेता भी अब चुनावी सीजन को भुनाने के लिए पुजीपति राजनैतिक संरक्षण चाहने वालो के लिए अपने द्वार खोल बैठे है।

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