हरिद्वार।
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के गुरुकुल आयुर्वेद परिसर में सुप्रसिद्ध वनौषधि विशेषज्ञ डा. विनोद उपाध्याय द्वारा आज ब्रह्म कमल (मैदानी) का दुर्लभ पौधा भेंट किया गया। डा. उपाध्याय ने बताया की उक्त पौधा को साहित्य में सर्वरोग हर कहा गया है। इसके साथ—साथ जहां भी यह पौधा आरोपित होता है वहां दिव्यता का वातावरण बनता है। इसके उत्पन्न पुष्पों पर भविष्य में छात्रों द्वारा शोध आदि का कार्य किया जाएगा। परिसर के निदेशक डा. विपिन कुमार पांडेय द्वारा इस कार्य हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उक्त कार्यक्रम में प्रो. पंकज कुमार शर्मा, प्रो. प्रेमचंद शाी, प्रो. उत्तम कुमार शर्मा, डा. मयंक भटकोटी, डा. विपिन कुमार अरोड$ा, डा. शिखा पाण्डेय आदि शिक्षक, छात्र एवं कर्मचारी उपस्थित रहें। डा. राजीव करेले ने डा. विनोद प्रकाश उपाध्याय द्वारा किए जा रहे हैं आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में विभिन्न, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यों की सराहना की। डा. उपायाय ने देश विदेश—अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस कनाडा, ब्रिटेन, सेंटपीटरवर्क आदि में भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अमेरिका में प्रतिष्ठित हीङ्क्षलग टच अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। दुर्लभ वन औषधीय की विशिष्ट पहचान एवं गुणार्मों का संपूर्ण ज्ञान है। हर्बल कस्मेटिक की विशेषज्ञता आपकी बहुत बड$ी उपलब्धि रही है। डा. उपाध्याय ने हजारों विद्याॢथयों को कास्मेटिक निर्माण करना सिखाया है। डा. उपाध्याय को लाइव एनसाइक्लोपीडिया आफ आयुर्वैदिक हर्ब भी कहा जाता है।