हरिद्वार।
धर्म नगरी में अब तक का सबसे बड़ा फर्जी भूमि प्लाटिंग मामले (ऑप्टागन बिल्डर्स) में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक परमेंद्र डोभाल द्वारा एसआईटी गठित करने के बाद से कथित संत भूमिगत हो गया है। जबकि बीते दिनों प्रतिदिन वह कहीं ना कहीं अखबारों की सुर्खियों में बने रहना चाहता था। फिर चाहे हर्रिद्वार में बड़े संत हो या प्रदेश के मुख्यमंत्री जहां भी मौका मिलता वही फ़ोटो खिंचवाकर शोशल मीडिया पर डालकर प्रशासन पर दबाव और आमजन पर प्रभाव बनाने की नोटंकी से भी गुरेज नही था। लेकिन एसआईटी गठित होने के बाद से यह कथित फर्जी संत भूमिगत हो चुका है। जानकारी के अनुसार संत का चोला पहने से पहले उक्त महाठग ऑक्टेगनल बिल्डर के लिए कार्य करता था। जहां म्यूटेशन और मकान बनाकर देने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाले में इसके खिलाफ भी कई मुकदमे हरिद्वार कोर्ट में और बहादराबाद थाने में लंबित है। सूत्रों की माने तो अपने बचाव के लिए भगवे का सहारा लेकर कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास भी नटवरलाल के द्वारा किया जा रहा है। सनातन धर्म के भोले वाले संतों को रिटायर्ड पेंशनरों से लूटे गए धन की भव्यता दिखाकर महामंडलेश्वर की पदवी भी लेने की फिराक में था। लेकिन एसआईटी के रडार पर आते ही यह फर्जी ढोंगी महाठग भूमिगत हो चुका है। शासन प्रशासन पर प्रभाव बनाने के लिए यह कुछ हरिद्वार के भोले वाले बड़े संतों की आड़ लेकर राजनीति में भी अपना रसूक बढ़ाने में लगा हुआ था।