लाल कुआं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाया है उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में कहा कि रुद्रपुर की पीएससी वाहिनियों के पोस्टल बैलट न पड़ना, तो उनके अधिकारों का हनन है ही है, मगर मेरे लिए भी एक चुनौतीपूर्ण सवाल खड़ा हो गया है? मगर मामला सीधे-सीधे मेरे चुनावी हित जुड़ा हुआ है तो इसलिए मैं अपनी आवाज को ठीक से उठा भी नहीं पा रहा हूं। मगर हकीकत यह है कि मैं, यह समझ नहीं पा रहा हूं कि केवल लालकुआं पोस्टल बैलट क्यों नहीं पहुंचे? क्योंकि यह प्रश्न मुझे कितनी क्षति होगी, इसका नहीं है। प्रश्न यह भी है कि इससे चुनावी प्रणाली की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो जाएंगे! एक सवाल, एक सेंटर में एक ही व्यक्ति के द्वारा डाले गये वोटों ने खड़ा किया है तो दूसरा सवाल #लालकुआं क्षेत्र से संबंध रखने वाले पुलिसकर्मी मतदाताओं के बैलट का उन तक न पहुंचना भी खड़ा कर रहा है! जवाब आज नहीं तो कल निष्पक्ष पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रणाली के साथ जुड़े हुए लोगों को देना ही पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पूर्व हरीश रावत द्वारा एक वीडियो वायरल भी की गई थी जिसमें सभी बैलेट पर एक ही व्यक्ति ने एक ही सिंबल को निशान लगाए थे साथ ही वीडियो में आवाज भी आ रही थी कि केवल भाजपा को ही वोट करना है वीडियो वायरल होने के बाद वर्तमान की भाजपा सरकार ने उसे फेक वीडियो बताते हुए हरीश रावत पर कार्रवाई करने की मांग की थी परंतु जांच के बाद वह वीडियो पोस्ट होने की खबरें भी आई थी जबकि सरकार द्वारा इस पूरे मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया था। जबकि चुनाव आयोग द्वारा वीडियो की पूरी जांच-पड़ताल कर आने के बाद सारा दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ गया था।