हरिद्वार।
रामकृष्ण मिशन आश्रम में आयोजित नौ दिवसीय रामकथा के समापन अवसर पर हंस फाउंडेशन की प्रमुख मंगला माता ने कहा कि मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की कथा जीवन में परिवर्तन लाती है। उन्होंने कहा कि गंगा तट पर संतों के सानिध्य में कथा श्रवण का महत्व और बढ$ जाता है। भगवान श्रीराम के चरित्र को आत्मसात करते हुए अध्यात्म का मार्ग दिखाने वाले संतों के उपदेशों और शिक्षाओं का अनुसरण करें और आदर्श समाज बनाने में योगदान करें।
भारत माता मंदिर के महंत निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि भगवान श्रीराम ने कभी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया गया। इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम कहा गया। राम कथा का श्रवण और मनन करें और राम के चरित्र को आचरण में धारण करें। उन्होंने कहा कि भगवन श्रीराम का संकीर्तन करने और उनके नाम का उच्चारण करने मात्र से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। कथा के समापन पर कथा व्यास स्वामी रामानुज ने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम के चरित्र से अवगत कराते हुए आचरण में धारण करने का आह्वान किया। ऋषिकेश परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद मुनि ने भी श्रद्धालु भक्तों को संबोधित किया। स्वामी विश्वेश्वरानंद, स्वामी दयाधिपानंद ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया।