हरिद्वार।
रोशनाबाद सिडकुल कंपनियों में होते हादसे आखिर रुकते क्यों नही ये एक बड़ा सवाल है ,कहीं मशीने इंसानों को नोच लेती है तो कहीं गरीब व लाचार कर्मचारी ज़िंदा जल रहे है,ये सब बड़ी व अप्रिय दुर्घटनाये हो रही है। सिडकुल कंपनियों कि बड़ी लापरवाही के चलते,सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो ये है कि ज़ब भी किसी गरीब कर्मचारी कि किसी भी कम्पनी में जान चली जाती है तो उसके बाद कम्पनी द्वारा एक बड़ा खेल खेला जाता है जिसमे पीड़ित के परिवार को कुछ रूपये देकर मामला रफा दफा कर दिया जाता है। पीड़ित परिवार को 2 से 5 लाख देकर अपना पीछा छुड़ा लिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस कीमत के पीछे कम्पनी कि सभी कमियां ओर लापरवाहीयाँ भी पाक साफ हो जाती है,फिर न कोई मुकदमा न कोई जांच ओर न कोई परेशानी,कंपनियों की ही नही बल्कि प्रसाशन कि व्यवस्थाओं पर भी न जाने कितने सवाल खड़े कर देता है। बता दें कि अभी अभी हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में स्थित एक बड़ी नामी गिरामी कंपनी गोदरेज में काम करने वाले एक वर्कर की मौत की खबर नें अन्य वर्करो में सनसनी फैला दी,मामला कोई छोटा नही,कम्पनी कि लापरवाही के चलते यह कर्मचारी आग कि चपेट में आ गया जिस कारण वह पूरी तरह झूलझ गया,हैरान करने वाली बात ये है कि न तो उस व्यक्ति पर आग बुझाने वाले तंत्र प्रयोग किये गए,ओर न ही समय से उसे हॉस्पिटल पहुँचाया गया। हालाकी बुरी तरह झूलझे सानिक जिसकी आयु लगभग 30 वर्ष थीं उसे गंभीर हालत में मेट्रो हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन हालत गंभीर देखते हुए उसे डॉक्टरों द्वारा दूसरे हॉस्पिटल भूमानन्द रैफर कर दिया गया, लेकिन दुर्भाग्य वहाँ के डाक्टरों ने सानिक को मृत घोषित कर दिया,जिसके बाद पुलिस ने मृतक का पंच नामा भर उसे पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है।