उत्तराखंड

भूस्खलन से खतरे में आया राम झूला, एहतियात के तौर पर आवाजाही की बंद

ऋषिकेश।

उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से हाहाकार मचा हुआ है। मॉनसून लोगों की जिंदगियों पर भारी पड़ रहा है। जगह-जगह भयावह तस्वीरें सामने आ रही हैं। वहीं ऋषिकेश में कुदरत का कहर देखने को मिला है। यहां भी लैंडस्लाइड का खतरा मंडरा रहा है। देश विदेश के करोड़ों पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र राम झूला पुल खतरे की जद में आ चुका है। राम झूला पुल के नीचे लैंडस्लाइड हो रहा है। ऋषिकेश का राम झूला पुल करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्रों को जोड़ता है। ये पुल खुद भी आस्था का केंद्र है। राम झूला पुल से ऋषिकेश के गीताभवन, स्वर्गआश्रम, मुनि की रेती, परमार्थ निकेतन और नीलकंठ महादेव की ओर जाया जाता है। इस संपर्क मार्ग पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। भारी बारिश की वजह से मुनि की रेती क्षेत्र में राम झूला पुल के नीचे का पुश्ता बह गया है। माना जा रहा है कि गंगा के उफान पर आने की वजह से यह नुकसान हुआ है। इसी भूस्खलन के कारण राम झूला पुल पर खतरा मंडरा रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से एसडीएम के निर्देश पर राम झूला पुल पर पर्यटकों के आवाजाही रोक दी गई है।

जानकारी के अनुसार पुल के नीचे लैंडस्लाइड होती देखकर लोगों में हड़कंप मच गया। वहीं जानकारी मिलने पर प्रशानिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।  प्रशासन ने बड़े खतरे को भांपते हुए एहतियात के तौर पर राम झूला पुल से आवाजाही पर रोक लगा दी है। पुल के दोनों छोरों पर पुलिस को तैनात किया गया है, ताकि कोई भी इस पुल से आवाजाही न कर सके। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर पर्यटकों को राम झूला पुल पर जाने से रोकना शुरू कर दिया है।

 नरेंद्र नगर के एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि पर्यटकों की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। भारी बारिश की वजह से राम झूला पुल के नीचे का पुश्ता बह गया है। पीडब्ल्यूडी की एक टीम निरीक्षण करने के लिए राम झूला भेजी गई है। इंजीनियरों की टीम निरीक्षण करने के बाद जो रिपोर्ट सौंपेगी, उसके आधार पर राम झूला पुल पर आवाजाही को लेकर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल उच्च अधिकारियों को भी मामले की जानकारी दे दी गई है। पुलिस को पर्यटकों को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उल्लेखनीय है कि मुनी की रेती से पार जाने के लिए राम झूला पुल 1986 में बना था। भगवान राम के नाम से इस पुल को भी लोग आस्था का केंद्र मानने लगे। राम झूला पुल से अनेक मठ और मंदिरों की ओर जाने का रास्ता है। अब पुल पर आवाजाही बंद होने से पर्यटकों, स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

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