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खोखली साबित रही सरकार, सांसद और मंत्रियों की घोषणा

लक्सर।
करीब डेढ माह पूर्व लक्सर क्षेत्र में आई बाढ के दौरान क्षेत्र का दौरा करने आए मुख्यमंत्री व अन्य कैबिनेट मंत्रियों द्वारा लक्सर को बाढ ग्रस्त तहसील घोषित करने के साथ ही तीन माह का विद्युत बिल भी माफ किए जाने की घोषणा की गई थी। जबकि सरकार की यह घोषणा खोखली साबित हो रही है। क्योकि बिजली विभाग द्वारा विद्युत बिलों में छूट से इनकार किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों में सरकार के प्रति रोष प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि करीब डेढ माह पूर्व लक्सर क्षेत्र में बाढ के कारण आई आपदा काल के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर कईं कैबिनेट मंत्रियों द्वारा बाढ$ग्रस्त इलाके का दौरा करते हुए बाढ पीडितों को मुआवजा दिया जाने व तीन माह का विद्युत बिल माफ किए जाने का आश्वासन दिया गया था। इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा दिया जा रहा मुआवजा बाढ पीडितों के लिए ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। वही बाढ पीडितों को सरकार से एक बडी उम्मीद थी कि उनका तीन माह का विद्युत बिल भी माफ किया जाएगा, किंतु एेसा नही हुआ सरकार की है। घोषणा मात्र झुनझुना व खोखली साबित हो रही है। अब एेसे में आर्थिक मदद की आस लगाए हुए बाढ$ पीडि$त आखिर क्या करेगे और कहां जाएंगे। कुल मिलाकर मजबूर है बस उन्हे सरकारी दफ्तरों में कुर्सियों पर बैठे अफसरो के सामने गिडगिडाना पडा रहा है और इनमें राजस्व प्रशासन के बाद सबसे ज्यादा सर दर्द इन दिनों विद्युत विभाग का बना हुआ है। सरकार द्वारा की गई घोषणा के आश्वासन पर क्षेत्रवासी बिजली विभाग के दफ्तर मे बिजली बिलों को जमा करने के बजाए बिजली बिलों की माफी संबंधित पूछताछ करने तक ही सीमित रह जाते है। लक्सर के विद्युत उपखंड अधिकारी अमीचंद के मुताबिक बिजली विभाग अपनी कार्यवाही और विभागीय गतिविधियों में कोई आनाकानी नही कर रहा है,मगर अब तक तीन माह का विद्युत बिल माफ किए जाने संबंधित एेसा कोई अध्यादेश अथवा आदेश ही नही आया है। जिससे बिजली बिल में रियायत दी जा सके। बिजली विभाग कर्मचारी के मुताबिक उनके दफ्तर में बिजली बिल जमा करने की अपेक्षा उपभोक्ताआें द्वारा पूछताछ बड$ी संख्या की जा रही है पर एेसे में कुछ उपभोक्ता बिल जमा भी कर रहे है, तो कुछ उपभोक्ता विद्युत बिल माफी के बारे में पूछताछ करते हुए बिजली बिल जमा करने के बजाय वापस बेरंग लौट रहे है। वहीं राष्ट्रीय हिंदू संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय वर्मा के मुताबिक बिजली बिलों मे रियायत की घोषणा के बावजूद भी विद्युत बिल माफ नही किया जाना सरकार का निकम्मापन साबित कर रहा है। और मुख्यमंत्री सहित चार-चार मंत्रियों और केंद्रीय दल द्वारा आपदा काल में क्षेत्र के दौरे किए जा चुके है। मगर नतीजा ढाक के तीन पात सिद्ध हो रहे है। उन्होने बताया कि तीन माह का बिजली बिल माफी का एेलान होने के बावजूद कोई आवश्यक आदेश ऊ र्जा विभाग को नही दिया जाना सरकार द्वारा बाढ$ पीडि$तों को सिर्फ गुमराह कर उनका मजाक बनाना है और यह क्षेत्र की जनता का अपमान है।

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